रुड़की।  ( बबलू सैनी ) आईआईटी रुड़की में उन्नत भारत अभियान क्षेत्रीय समन्वय संस्थान आईआईटी रुड़की द्वारा आयोजित रीजनल ‘टेक फॉर सेवा’ इवेंट में प्रतिभागी संस्थान के छात्रों द्वारा विकसित ग्रामीणों व किसानों के लिए उपयोगी सरल उपकरण लोगों के आकर्षण का केन्द्र रहे। रूरल टेक्नोलॉजी एक्शन ग्रुप आईआईटी रुड़की द्वारा विकसित वातानुकूलित सब्जी रेड़ी-रेट्रोफिटेड वैरिएंट, एयर कूल्ड बेस्ड वेजिटेबल ट्राई-साइकिल पुल-कार्ट, एयर कूल्ड बेस्ड वेजिटेबल वेंडिंग पुश कार्ट जैसे उपकरण जहाँ एक तरफ सब्जियों को ताजी व हरा-भरा रखने में सहायक हैं, वहीं सरल तकनीक के कारण ग्रामीणों को अन्य कई सहूलियतें प्रदान करने में सक्षम हैं। इसी प्रकार इसी ग्रुप द्वारा विकसित पूर्णतया स्वचालित बागेश्वरी वूल चरखा तथा एलोवेरा प्रोसेसिंग मशीन पफॉर कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स भी ग्रामीणों द्वारा छोटा-मोटा स्टार्टअप शुरू करने के लिए उपयोगी है। इसके अतिरिक्त डॉ. एपीजे अब्दुल कलम इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी टनकपुर के छात्रों निशांत चौधरी, कार्तिक वर्मा, दीपक पंत, विश्कर्मा आशीष, नितीश पफुलेरा तथा राहुल क्षेत्री की टीम द्वारा विकसित मेकेनिकल फ्लोर क्लीनिंग मशीन एवं एग्रीकल्चरल मल्टी-परपज मशीन भी ग्रामीणों व किसानों के लिए काफी उपयोगी है। मेकेनिकल फ्लोर क्लीनिंग मशीन से घर की साफ-सफाई करने जबकि एग्रीकल्चरल मल्टी-परपज मशीन फसलों पर दवा व उर्वरकों के छिड़काव, पौध रोपण के लिए गड्ढों की खुदाई के साथ-साथ खेत के समतलीकरण कार्य में उपयोगी है। ग्राफिक एरा डीम्ड विश्वविद्यालय देहरादून के मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग से डॉ. बृजेश प्रसाद व उनकी टीम द्वारा पहाड़ों पर स्थित जंगल में आग लगने की घटनाओं को कम करने तथा चीड़ के गिरे हुए पत्तों से अपशिष्ट जल शोधन की अनूठी तकनीक व प्रोडक्ट विकसित किया है। उनके द्वारा चीड़ के पत्तों का प्रयोग करके पैरोलीसिस तकनीक के द्वारा एक्टिवेटिड कार्बन विकसित किया गया है। इससे जहाँ एक ओर ग्रामीणों द्वारा चीड़ के पत्तों को इकठ्ठा करके आर्थिक उपार्जन किया जा सकता है, वहीं दूसरी तरफ इन पत्तों के अत्यधिक ज्वलनशील होने के कारण जंगलों में लगने वाली आग की घटनाओं में भी कमी आएगी। डॉ. बृजेश ने बताया कि तैयार किये गए एक्टिवेटिड कार्बन को अपशिष्ट जल में 10 मिनट डालकर रखने से यह जल की अशुद्धियों को अवशोषित करके जल को शुद्ध कर देता है। आईआईटी रुड़की में प्रबन्धन अध्ययन विभाग में प्राध्यापक प्रो. विनय शर्मा ने लो-कास्ट एनर्जी थ्ररू बायो-रेजिड्यू के अंतर्गत चीड़ के पत्तों से ऊर्जा उत्पादन तकनीक के बारे में विस्तारपूर्वक अवगत कराया। आईडिया फोर्ज कम्पनी से नवनीत कुमार द्वारा किसानों के लिए उपयोगी ड्रोन टेक्नोलॉजी के बारे में विस्तारपूर्वक अवगत कराया तथा ड्रोन का प्रदर्शन भी किया गया। इसके अतिरिक्त ‘टेक फॉर सेवा’ इवेंट में प्रतिभागी विद्यार्थियों द्वारा अपने आइडियाज भी लोगों के साथ साझा किया गया। इसके अंतर्गत डॉ. स्वपन सुमन, एमआईईटी मेरठ द्वारा हैंड्स-फ्री-वाटर-टेप-मशीन, डॉ. मनुज अग्रवाल, एमआईटी मुरादाबाद द्वारा कृषि सारथी फसल सुरक्षा उपकरण के बारे में जानकारी प्रदान की गई। उन्नत भारत अभियान प्रतिभागी संस्थान आईआईटी रुड़की से यूबीए टीम सदस्य शुभम पाल द्वारा वाटर प्यूरीफायर तथा अपशिष्ट से वर्मीकम्पोस्ट बनाने की उन्नत तकनीक से अवगत कराया गया। कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रुड़की से अनिमेष राज व उनकी टीम द्वारा लो प्रोपेगेटर हाउस तथा तन्नू व उनकी टीम द्वारा सस्टेनेबल एग्रीकल्चर सिस्टम के बारे में जानकारी प्रदान की गई।

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