रुड़की।  ( आयुष गुप्ता ) उद्यान विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से सिसौना में तीन अगस्त की रात्रि आम के फलदार डेढ़ दर्जन पेड़ माफियाओं द्वारा रातों-रात काट दिये गये। ये ही नहीं जेसीबी बुलाकर उनकी जड़ों को भी मौके से हटा दिया गया। इस संबंध में भगवानपुर के उद्यान अधिकारी महिपाल सिंह से पूछा गया, तो उन्होंने इसका कोई सटीक जवाब नहीं दिया, बल्कि यह कहा कि सिसौना के सामने सीरिया कंपनी के पास कोई पेड़ ही नहीं कटे। जबकि मौके के तमाम फोटोग्राफ साक्ष्य के रुप में मीडिया के पास उपलब्ध हैं। सूत्रों का कहना है कि यह फलदार पेड़ थे और इनके काटने की अनुमति भी सम्बन्धित ठेकेदार द्वारा नहीं ली गई, बल्कि उद्यान विभाग से मिलीभगत कर बेशकीमती पेड़ों को काट दिया गया और इसकी एवज में मोटी रकम लेने की चर्चाएं जोरों पर हैं। एक ओर सरकार वातावरण को प्रदूषण से बचाने के लिए पेड़-पौधे लगाने का अभियान चला रही हैं। वहीं उद्यान विभाग में बैठे उनके अधिकारी और कर्मचारी फलदार पेड़ों का कटान कर सरकार के निर्देशों का पालन नहीं करते। जब बाढ़ ही खेत को खाये, तो अंजाम ए-गुलिस्ता क्या होगा। यह कहावत भी इस मामले में चरितार्थ हो रही हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि शाम के समय पेड़ खड़े हुये थे और जब वह सुबह नींद से जागे, तो देखा कि पूरा बाग ही साफ हैं। बताया गया है कि खेत मालिक इस बेशकीमती जमीन पर प्लॉटिंग कर मोटा मुनाफा कमाने की फिराक में हैं। लेकिन इस मामले में कानून का उल्लंघन किया गया। इसलिए सम्बन्धित विभाग के उच्च अधिकारी मामले की जांच कर आरोपी लोगों के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराकर कड़ी कार्रवाई करें। ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति प्रतिबंधित पेड़ों का कटान न कर सके। वहीं जिला उद्यान अधिकारी नरेन्द्र यादव ने फोन पर बातचीत के दौरान कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं हैं। वह मामले की जांच कराकर उचित कार्रवाई करेंगे।

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