रुड़की।
175वें “ईयर ऑफ़ एक्सीलेंस” (उत्कृष्टता के 175वें वर्ष) को चिह्नित करने के लिए कार्यक्रमों की श्रृंखला में आईआईटी रुड़की ने रुड़की- हरिद्वार क्षेत्र के स्कूल जाने वाले छात्रों के लिए संस्थान की ‘एक दिवसीय यात्रा’ (‘वन-डे ट्रिप’) आयोजित की। कार्यक्रम की शुरुआत दीक्षांत कक्ष में सुबह 9:00 बजे ओरिएंटेशन और अल्पाहार के साथ हुई। इसके बाद छात्रों को संस्थान के दौरे पर ले जाया गया, जिसमें बायोसाइंसेज लैब, अर्थ साइंसेज म्यूजियम, इंस्टीट्यूट इंस्ट्रुमेंटेशन सेंटर और टिंकरिंग लैब की यात्रा शामिल थी। दोपहर के भोजन के बाद छात्रों ने करियर गाइडेंस, टॉक और सांस्कृतिक कार्यशालाओं में भाग लिया। बाद में उन्हें महात्मा गांधी सेंट्रल लाइब्रेरी (एमजीसीएल), आर्काइव्स गैलरी और जेम्स थॉमसन बिल्डिंग दिखाई गई। भ्रमण के अंत में विद्यार्थियों को पुरस्कार व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। इस यात्रा ने छात्रों को आईआईटी रुड़की की विरासत, संस्कृति, तकनीकी योग्यता और सामाजिक मूल्यों की एक झलक दी। इस भ्रमण के बाद छात्र स्कूल पूरा करने के उपरांत उनके लिए उपलब्ध विभिन्न पाठ्यक्रम और करियर विकल्पों को समझने में अधिक सक्षम हुए।
प्रश्नावली और अन्य राउंड द्वारा चुने गए रुड़की-हरिद्वार क्षेत्र के 40 मेधावी स्कूली छात्रों को आईआईटी रुड़की परिसर में आमंत्रित किया गया था। 8 घंटे के दौरे के दौरान, छात्रों को आईआईटी रुड़की के छात्रों -जो “इंजीनियस इनसाइड एड-टूर्स टीम” का हिस्सा थे और आईआईटी रुड़की के कर्मचारियों द्वारा निर्देशित किया गया। इस तरह की यात्राएं छात्रों के लिए महत्वपूर्ण अवसर हैं, क्योंकि आईआईटी रुड़की सांस्कृतिक विरासत और भविष्य की संभावनाओं का एक अनूठा समामेलन है। किसी आईआईटी का दौरा करना और उसकी संस्कृति, सुविधाओं और क्लबों को जानना एक सपने के सच होने जैसा है। इस तरह के कार्यक्रम आकर्षक तथ्य प्रस्तुत करते हुए, अनुसंधान संस्कृति का परिचय देते हुए और कई संभावनाओं के द्वार खोलते हुए निकट भविष्य की दृष्टि प्रदान करते हैं। यात्रा के बाद छात्र ने आने विचारो में कहा कि “मेरे लिए आईआईटी परिसर में जाना एक सपने के सच होने जैसा है। ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो मैंने यहां देखीं, जिनके बारे में मुझे पता भी नहीं था। मैं बहुत आभारी हूं कि मुझे इस यात्रा पर आने का अवसर मिला। इस अनुभव ने एक नया दृष्टिकोण दिया है और अब मुझे पता है कि मैं स्कूल पूरा करने के बाद आईआईटी रुड़की में पढ़ना चाहता हूं”। वहीं एक अन्य छात्र ने कहा, “मैंने यहां यात्रा के दौरान बहुत कुछ सीखा; मुझे ज्ञान की विशालता पर आश्चर्य हुआ। अब मुझे स्कूल के बाद मेरे लिए उपलब्ध अध्ययन और करियर विकल्पों की बेहतर समझ है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि मुझे उच्च शिक्षा का मूल्य समझ में आया है।”
आईआईटी रुड़की के निदेशक, प्रो. अजीत के चतुर्वेदी ने इस पहल के बारे में कहा कि “हमारा मानना है कि आईआईटी जैसे उच्च शिक्षा संस्थानों को शुरुआती चरणों में युवा दिमागों तक पहुंचना चाहिए, उनसे जुड़ना चाहिए और उन्हें सीखने, तथा ज्ञान प्राप्ति और निर्माण के लिए प्रेरित करना चाहिए। मुझे खुशी है कि आईआईटी रुड़की के छात्रों ने रुड़की शहर में स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए एक दिवसीय यात्राएं आयोजित करने की पहल की है। मैं चाहता हूं कि यह कार्यक्रम आईआईटी रुड़की के 175वें साल के समारोह का एक प्रमुख कार्यक्रम बन जाए।
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