रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) भारतीय जल संसाधन सोसायटी, जल संसाधन विकास और प्रबंधन विभाग आईआईटी रुड़की तथा केंद्रीय जल आयोग द्वारा संयुक्त रुप से इंडिया एक्सपो सेंटर, ग्रेटर, नोएडा में 7वां भारत जल सप्ताह-2022 के अंतर्गत ‘भविष्य की जल सुरक्षा के लिए आॅन-फार्म जल प्रबंधन’ विषय पर एक सत्र का आयोजन किया गया। ईं. के. वोहरा सदस्य वाटर प्लानिंग एंड प्रोजेक्ट्स तथा भारतीय जल संसाधन समिति के अध्यक्ष एवं ईं. अशोक कुमार खार्या चीफ इंजीनियर (ईएमओ) केंद्रीय जल आयोग नई दिल्ली द्वारा उक्त सत्र की अध्यक्षता की गई।
मुख्य वक्ता के रुप में टेक्सास ए एंड एम विश्वविद्यालय के महानुभवी प्राध्यापक प्रो. वी.पी. सिंह ने भविष्य की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेहतर आॅन-फार्म जल प्रबंधन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने हाइड्रोलाॅजिकल प्रक्रियाओं को समझने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शोधकर्ताओं को आॅन-फार्म जल चक्र का अध्ययन करते समय इस विषय पर विचार करने की आवश्यकता है। द्वितीय वक्ता के रुप में जल संसाधन विभाग नासिक महाराष्ट्र के चीफ इंजीनियर संजय बेलसरे ने किसानों को सिंचाई प्रबंधन हस्तांतरण से सिंचाई दक्षता बढ़ाने में होने वाली मदद के बारे में विस्तारपूर्वक अवगत कराया। उन्होंने किसानों के बीच सिंचाई के पानी को समान रूप से वितरित करने के लिए महाराष्ट्र में वर्तमान में उपयोग किए जा रहे तरीकों और जल उपयोग दक्षता में सुधार के लिए सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देने के लिए आॅन-फार्म प्रशिक्षण कार्यक्रमों को भी प्रतिभागियों के साथ साझा किया। आईआईटी रुड़की के जल संसाधन विकास एवं प्रबंधन विभाग में शोध छात्र संदीप कुमार चैरसिया ने आॅन-फार्म सिंचाई जल उपयोग दक्षता में सुधार विषयक अपने शोधकार्य को प्रस्तुत किया। सत्र में अन्य लोगों के अलावा प्रो. आशीष पाण्डेय कार्यकारी उपाध्यक्ष (मुख्यालय) भारतीय जल संसाधन समिति तथा विभागाध्यक्ष जल संसाधन विकास एवं प्रबंधन विभाग आईआईटी रुड़की, ईं. डीपी मथुरिया कार्यकारी उपाध्यक्ष भारतीय जल संसाधन समिति और कार्यकारी निदेशक (तकनीकी), नेशनल मिशन फाॅर क्लीन गंगा विशेष रुप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम में आईआईटी रुड़की के जल संसाधन विकास एवं प्रबंधन विभाग से प्रो. एस0के0 मिश्रा, प्रो0 के0एस0 काशी विश्वनाथन, प्रो0 मोहित पी0 मोहंती, प्रो0 इधाया सहित बड़ी संख्या में केंद्रीय जल आयोग के अधिकारी तथा आईआईटी रुड़की के छात्रों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन जल संसाधन विकास एवं प्रबंधन विभाग की प्राध्यापक प्रो. कृतिका कोठारी तथा धन्यवाद प्रस्ताव भारतीय जल संसाधन समिति के सचिव प्रो. बसंत यादव ने प्रस्तुत किया।

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