रुड़की। ( आयुष गुप्ता )
शेरपुर गांव निवासी चाचा -भतीजे इंद्र सिंह व मेघराज की हुई हत्या से आक्रोशित परिजनों ने आज तत्कालीन सरकार के प्रवक्ता व मंत्री रहे मदन कौशिक व रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा को जमकर कोसते हुए उनके द्वारा की गई ढाई-ढाई लाख रुपए की घोषणा को वापस लेने नसीहत दी।
ज्ञात रहे कि 5 अगस्त 2017 को बेलड़ी गांव के निकट एक गोदाम में चौकीदारी करते हुए रात्रि के समय उनकी अज्ञात कारणों के चलते हत्या कर दी गई थी, जिससे परिजनों व लोगों में शोक का माहौल था। इसके बाद रुड़की विधायक प्रदीप बत्रा व तत्कालीन मंत्री तथा सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक मृतकों के घर पहुंचे और शोकाकुल परिवार को ढांढस बांधते हुए सरकार की ओर से ढाई ढाई लाख रुपए देने की घोषणा की थी, हालांकि ऐसे समय में उक्त घोषणा शोकाकुल परिवार के लिए भले ही एक सांत्वना का काम करती हो, लेकिन घोषणा के बाद उसे अमलीजामा न पहनाना, मृतक परिजनों के लिए उससे भी बड़ा दुखदाई होता है। जहां एक और आस-पड़ोस के लोग उन्हें मुआवजे के नाम पर चिढ़ाते हैं, तो वहीं उन्हें घोषणा की राशि ने मिलने का दुख भी घुन की तरह खाए जाता है।
आज दोनों ही जनप्रतिनिधियों के खिलाफ लोकतांत्रिक जनमोर्चा के बैनर तले पटियाला लस्सी के निकट गांधी वाटिका में स्थापित महात्मा गांधी जी की प्रतिमा के सामने धरना प्रदर्शन में बोलते हुए संयोजक सुभाष सैनी ने कहा कि यदि तत्कालीन सरकार के प्रवक्ता व वर्तमान विधायक मदन कौशिक व भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा अपनी घोषणा को पूरा करने में सक्षम नहीं है, तो वह अपनी घोषणा को सार्वजनिक तौर पर वापस लेने का ऐलान करें। उन्होंने दोनों ही जनप्रतिनिधियों को नसीहत देते हुए कहा कि क्या सत्ता में होते हुए भी दोनों जनप्रतिनिधि पीड़ितों का मुआवजा दिलाने में सक्षम नहीं है या फिर वह उनके मुआवजे की राशि को डकार गए हैं या वह सैनी समाज के पीड़ितों को मुआवजा दिलाना नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि उनकी हत्या के आरोपी खुलेआम घूम रहे है।
वही आशीष सैनी ने भी भाजपा सरकार और दोनों जनप्रतिनिधियों पर जमकर हमला बोला और कहा कि ऐसे जनप्रतिनिधियों को वोट देकर जिम्मेदार ना बनाएं जो ऐसे दुख के समय में भी किसी की भावनाओं का खिलवाड़ कर सकें। उन्होंने ऐसे जनप्रतिनिधियों का सार्वजनिक तौर पर बहिष्कार करने और जगह-जगह उनके कृत्य याद दिलाने का भी आह्वान किया। वहीं उन्होंने हाल ही के बेलड़ा प्रकरण का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा सरकार में शासन प्रशासन की हालत इतनी खराब है कि गांव में दो पक्षों के बीच झगड़ा करा कर पुलिस ने अपना उल्लू सीधा किया और माफिया सचिन रोड़ प्रधान को फायदा पहुंचाया। उन्होंने कहा कि जहां भाजपा सरकार में शासन प्रशासन और माफियाओं का गठजोड़ हो, वहां न्याय की उम्मीद करना बेईमानी लगता है। वही लखपत सिंह सैनी ने भी दोनों जनप्रतिनिधियों से अपनी घोषणा वापस लेने और पीड़ित परिवार से माफी मांगने की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं करते, तो इसका खामियाजा उन्हें लोकसभा चुनाव में भी भुगतना पड़ेगा। क्योंकि मुआवजा ना देकर भाजपा पहले ही जनपद की 8 सीटें गंवा चुकी हैं, यह समाज के रोष का ही प्रतिफल है। वही धरनारत्त विधवा महिलाओं ने भी एक स्वर में कहा कि या तो घोषणा को पूरा किया जाये और यदि जनप्रतिनिधि घोषणा पूरी नहीं कर सकते, तो वह उन्हें वापस ही ले ले। क्योंकि उन्हें ऐसे पैसे की जरूरत नहीं है, ना ही इस पैसे से उनके घर के खर्च चल पाएंगे। यदि यह जनप्रतिनिधि घर आकर कोई वादा करते हैं, तो उसे पूरा करें अन्यथा सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे। इसी क्रम में राजकुमार सैनी, महानगर अध्यक्ष कलीम खान, विशाल शर्मा, श्रवण गोस्वामी, ऋतु कंडियाल आदि नेताओं ने भी जनप्रतिनिधियों को जमकर कोसा और उनसे घोषणा वापस लिए जाने हेतु चेताया। इस मौके पर लोजमो संयोजक सुभाष सैनी, पंकज सैनी, राजकुमार सैनी, लखपत सैनी, निर्देश सैनी आशीष सैनी, हरपाल सिंह सैनी, पूर्व पार्षद संजय चौधरी उर्फ गुड्डू आदि बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे।