रुड़की। ( आयुष गुप्ता )
उत्तर-प्रदेश सरकार के पूर्व शिक्षा एवं कृषि मंत्री रवीन्द्र शुक्ल ने कहा कि सनातन बचा रहा, तभी मानवता जीवित रहेगी।
उक्त बात सोमवार को ज्योतिष गुरुकुलम में आयोजित एक कार्यक्रम में कही। वहीं उन्होंने कहा कि सनातन की रक्षा के लिए सबसे पहले देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू होना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने हिंदी साहित्य भारती का विस्तार करते हुए नए पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र दिए। पूर्व शिक्षा एवं कृषि मंत्री उत्तर-प्रदेश सरकार एवं हिन्दी साहित्य भारती के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रवीन्द्र शुक्ल ने कहा कि पांच वर्ष पहले हिंदी साहित्य भारती का गठन हुआ था। आज संगठन 37 देशों में और भारत के समस्त प्रदेशों में कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि सनातन की रक्षा करना एवं उसका प्रचार प्रसार करना ही हिंदी साहित्य भारती का प्रमुख उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि धर्म केवल सनातन है, सृष्टि के निर्माण के साथ ही सनातन धर्म का उदय हुआ। उन्होंने कहा कि दुनिया में केवल एक धर्म सनातन है, बाकी सब संप्रदाय और मजहब है। उन्होंने कहा कि देश में अगर सनातन को जीवित रखना है, तो सबसे पहले जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू होना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने हिंदी साहित्य भारती आध्यात्मिक प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक की जिम्मेदारी आचार्य रमेश सेमवाल को दी। आचार्य रमेश सेमवाल ने कहा कि अगर हम धर्म की रक्षा करेंगे, तो धर्म हमारी रक्षा करेगा। उन्होंने कहा कि हमारी सांस्कृतिक एवं सनातन परम्परा को आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। कार्यक्रम का संचालन संगठन के अंतराष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ० अनिल शर्मा ने किया। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर हिंदी साहित्य भारती के लक्ष्यों को प्राप्त करते हुए हिंदी भाषा को उचित सम्मान दिलाएंगे, साहित्य के प्रदूषण को दूर करेंगे और सनातन संस्कृति के संरक्षण का काम करेंगे। केंद्रीय महामंत्री डॉ. रामनिवास शुक्ला ने कहा कि हिंदी साहित्य भारती का कार्य दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर भारत में भी बहुत मजबूती से आगे बढ़ रहा है। इस अवसर पर सतीश शर्मा, प्रवीण शास्त्री, सचिन शास्त्री एवं प्रकाश शास्त्री आदि मौजूद रहे।
सनातन बचेगा, तो ही मानवता जीवित रहेगी, आध्यात्मिक बैठक में बोले पूर्व मंत्री
