रुड़की। आज प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल उत्तराखंड ने प्रदेश सरकार द्वारा व्यापारियों पर मंडी शुल्क लागू करने का ज्ञापन के माध्यम से विरोध किया।
आज उप जिलाधिकारी रुड़की के कार्यालय में जेएम अंशुल सिंह को प्रदेश सरकार द्वारा व्यापारियों पर लगाए गए मंडी शुल्क, मंडी लाइसेंस समाप्त करने हेतु मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। जिसमें मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि प्रदेश सरकार ने गत वर्ष जून 2020 में मंडी स्थल से बाहर व्यापार कर रहे खाद्यान्न, गल्ला, दाल, दलहन, गुड, किराना, लकड़ी आदि का थोक व्यापार कर रहे व्यापारियों पर मंडी लाइसेंस व मंडी शुल्क समाप्त कर दिया था, जिससे व्यापारी वर्ग में बड़ी खुशी थी, एक टैक्स प्रणाली से, लिखा पढ़ी से मुक्ति मिल गई थी। परंतु खेद का विषय है कि प्रदेश सरकार ने पुनः मंडी समिति द्वारा स्थापित मंडी स्थल से बाहर थोक व्यापार करने वाले व्यापारियों पर विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर मंडी शुल्क, मंडी लाइसेंस प्रणाली को लागू कर दिया, जिसका व्यापारी व प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल उत्तराखंड कड़ा विरोध करता है। ज्ञात रहे कि पहले उपरोक्त व्यापार करने वाले व्यापारी गण मंडी प्रपत्र, प्रवेश पर्ची, 9-आर, गेट पास जैसी जटिल प्रक्रिया से मुक्त हो गए थे, किन्तु अब प्रदेश सरकार ने मंडी शुल्क पुनः लागू कर व्यापारियों को मंडी समिति के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा उत्पीड़न, शोषण, भ्रष्टाचार की भट्टी में झोंक दिया है। इस आदेश से महंगाई बढ़ेगी, जिससे आम जनता त्रस्त होगी। सभी व्यापारियों ने सरकार से आहवान किया कि आमजन के हित को देखते हुए जनता व व्यापार हित में मंडी शुल्क व लाइसेंस का आदेश वापस लिया जाए। यदि ऐसा नहीं होता, तो व्यापारी आंदोलन करने पर मजबूर होंगे। ज्ञापन देने वालों में अजय गुप्ता प्रदेश अध्यक्ष, नितिन शर्मा प्रदेश संगठन मंत्री, चौधरी धीर सिंह अध्यक्ष महानगर रुड़की, रामगोपाल कंसल संयोजक, अनुज अग्रवाल जिलाध्यक्ष, दीपक अरोड़ा महामंत्री, कविश मित्तल महामंत्री, रतन अग्रवाल, अमित अग्रवाल, आकाश गोयल, अरविंद कुमार आदि अनेक व्यापारी मौजूद रहे।
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