रुड़की। ( बबलू सैनी )
रुड़की महापौर गौरव गोयल के प्रकरण को लेकर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जिसमें विपक्षीगणों को बड़ा झटका लगा है। तो वही हाईकोर्ट ने महापौर को 06 जून तक की तारीख देकर राहत दी है। अब विपक्षीगणों के लिए हाईकोर्ट का यह आदेश बड़ा लंबा इंतजार लेकर आया है।
ज्ञात रहे कि क्योंकि विगत 15 मई को सरकार द्वारा हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान महापौर रुड़की पर कार्रवाई की स्थिति से अवगत कराना था, लेकिन सरकार की ओर से महापौर पर कोई एक्शन नही लिया गया, जिसके बाद आज इस प्रकरण में हाईकोर्ट की विपिन सांघी व आलोक कुमार की वर्मा की खंडपीठ द्वारा सुनवाई की गई। जिस पर हाईकोर्ट ने महापौर की फ़ाइल पर 06 जून की डेट दी है।
ज्ञात रहे कि हाईकोर्ट की ओर से 13 अप्रैल के आदेश में महापौर रुड़की पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप सही बताए गए थे और इस प्रकरण में कार्रवाई हेतु हाईकोर्ट द्वारा सरकार को निर्णय के लिए कहा गया था। लेकिन 15 मई तक सरकार ने इस प्रकरण में कोई कार्यवाही नही की।
आज हाईकोर्ट द्वरा इतने संगीन ओर गंभीर मामले में इतनी लंबी डेट देना भी शिक़ायत कर्ताओं को समझ नही आ रहा है। क्योंकि जिस मामले में तत्काल एक्शन होना चाहिए, ऐसे प्रकरण में इतनी लंबी डेट मिलने से याचिका कर्ता भी हैरान है। साथ ही जनता में भी यह निर्णय असमंजस की स्थिति पैदा कर रहा है।
यह है मामला……
महापौर गौरव गोयल ने भूमि की लीज बढ़ाने के एवज में 25 लाख रुपये की मांग की। यह बातचीत रिकॉर्ड कर ली गयी। मेयर के वॉइस सैंपल की फोरेंसिक लैब में जांच की गई। आवाज मेयर की ही पाई गई।
गौरतलब है कि रुड़की निवासी अमित अग्रवाल ने मेयर के पद के दुरुपयोग के मामले को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की। इसके अलावा भाजपा पार्षदों ने भी मेयर के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। 2019 में मेयर बने गौरव गोयल का कार्यकाल 2024 में समाप्त हो जाएगा। इसके अलावा मेयर ने अपने कर्मचारी को झूठे केस में फंसा दिया। इसके बाद उसकी पत्नी पर शारीरिक सम्बंध स्थापित करने का दबाव बनाया और कहा कि इसके बाद ही केस वापस लूंगा। दोनों तरफ से मुकदमेबाजी भी हुई। पुलिस ने इस मामले में भी मेयर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया तथा बाद में अंतिम रिपोर्ट लगा दी। निचली अदालत ने इस रिपोर्ट को निरस्त कर दोबारा जांच करने के आदेश दिए। इस मामले में रुड़की के मेयर गौरव गोयल का कहना है कि दोनों ओर से मुकदमे दर्ज कराए गए थे। तथ्य पेश करते हुए कहा कि इसी साल फरवरी माह में रुड़की कोर्ट में दोनों मुकदमों का निस्तारण हो गया। इस मुद्दे पर अब कोई झगड़ा नहीं।