रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति व अखिल भारतीय स्वतंत्रता सेनानी परिवार कल्याण परिषद द्वारा नई दिल्ली में 19 दिसम्बर को जंतर-मंतर पर विभिन्न मांगों को लेकर दिए जा रहे एक दिवसीय धरने की तैयारियों को लेकर हुई बैठक में राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी ने बताया कि स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति ने देशभर में स्वतंत्रता सेनानियों/शहीदों के परिवारों के हितों के लिए काम करने वाले देशभर के 31 संगठनों के साथ मिलकर एक प्रतिनिधिमंडल के रुप में राष्ट्रपति को स्वतंत्रता सेनानी/शहीद परिवारों के हितों से जुड़े 8 प्रमुख बिंदुओं के संबंध में प्रतिवेदन 4 जुलाई 2021 को सौंपा था। इस प्रतिवेदन में सरकार से दिल्ली में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मेमोरियल की स्थापना, भारत सरकार गृह मंत्रालय द्वारा स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की एमिनेंट कमेटी में सेनानी परिवारों के हितों की रक्षा के लिए संघर्षरत हर प्रांत के संगठनों के प्रतिनिधियों, वीरांगनाओं, आश्रित पुत्रियों को मनोनीत करना, संवैधानिक संस्थाओं राज्यसभा, विधान परिषद, केंद्रीय समितियों तथा नगर निकायों में सेनानी परिवारों का मनोनयन, स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार आयोग का गठन, स्वतंत्रता सेनानी राष्ट्रीय परिवार का दर्जा दिया जाना, स्वतंत्रता सेनानी के निधन के बाद उनकी सम्मान पेंशन की धनराशि तथा सुविधाएं सेनानी परिवारों को हस्तांतरित करके जरूरतमंद सेनानी परिवारों को वित्तीय सहायता का प्रावधान, पाठ्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों/शहीदों की जीवनी को शामिल किया जाना तथा सेनानी शहीद परिवारों के विभिन्न न्यायालयों सहित उच्चतम न्यायालय तथा गृह मंत्रालय में लंबित प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण करने संबंधी विषयों को प्रमुखता से उठाया था। किंतु प्रधानमंत्री को 4 अगस्त 22 तथा 4 अक्टूबर 22 को स्मरण पत्र भेजने के बावजूद सरकार द्वारा कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया। इससे देशभर के लगभग 5 करोड़ स्वतंत्रता सेनानी/शहीद परिवारों में बेहद नाराजगी और आक्रोश है। आखिर कब तक अपमान सहेंगे स्वतंत्रता सेनानी परिवार? संगठन के उपाध्यक्ष नित्यानंद शर्मा ने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों/शहीद परिवारों के प्रति सरकार की इस उदासीनता और उपेक्षा से खिन्न होकर अब हमने यह निश्चय किया है कि अमर शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल तथा अशफाक उल्ला खान के बलिदान दिवस 19 दिसंबर 2022 को देशभर के स्वतंत्रता सेनानी/शहीदों के संगठनों के पदाधिकारी शताधिक आयु के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सान्धिय में राजधानी के जंतर-मंतर पर एकत्रित होकर एक दिवसीय सांकेतिक धरना सरकार को जगाने के लिए करेंगे। सर्वप्रथम 19 दिसंबर को प्रातः 10 बजे राजघाट पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर नमन करने के बाद जंतर-मंतर पर एक आक्रोश सभा का आयोजन किया जाएगा। सभा के उपरांत 3 बजे हाथ में तिरंगा ध्वज लेकर तथा भुजाओं में काली पट्टी बांधकर पीएमओ तथा गृह मंत्रालय जाकर अपना प्रतिवेदन एक बार फिर से अपनी सरकार तक पहुंचाएंगे। अमर शहीद जगदीश वत्स के भांजे एवं वरिष्ठ पत्रकार श्रीगोपाल नारसन ने कहा कि यदि सरकार अब भी हमारे प्रतिवेदन पर उचित कार्यवाही नहीं करती है, तो देशभर के स्वतंत्रता सेनानी शहीदों के उत्तराधिकारी गणतंत्र दिवस 2023 के बाद कोई समय निर्धारित करके विशाल अनिश्चितकालीन आंदोलन दिल्ली में करने के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने नई दिल्ली में स्वतंत्रता सेनानी सदन की बदहाल हालत को लेकर भी चिंता प्रकट की। स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी प्रतिनिधि आचार्य राम महेश मिश्र ने जानकारी दी कि 19 दिसंबर को जंतर-मंतर के सांकेतिक धरना में 113 वर्षीय स्वतंत्र संग्राम सेनानी स्वामी लेखराज, गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा गठित एमिनेंट कमेटी के सदस्य ले. आर. माधवन, पांडुरंग गणपति शिंदे, जगदीश शाह, आनंद सिंह बिष्ट, दांडूराम के साथ अन्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हीरालाल ताम्रकार, अवतार सिंह, भारत भूषण विद्यालंकार, अमर शहीद मंगल पांडे के प्रपौत्र रघुनाथ पांडे, वीरांगना श्रीमती प्रेम देवी, श्रीमती कृष्णा सोम चैधरी, श्रीमती गीता देवी की भी विशेष उपस्थिति रहेगी।