रुड़की।  ( बबलू सैनी ) 3 अप्रैल 2022 को अपर पीसीएस की परीक्षा में शामिल हुये अभ्यर्थी सक्षम चौहान, संजय सोलकी, दीप्ति लोहानी, कंचन केडा, मोहित कुमार, संचित सिंह, वीर भानु प्रताप सिंह ने बताया कि 2021 में परीक्षापत्र में एक प्रश्नः उत्तरांचल नाम परिवर्तन अधिनियम कब अस्तित्व में आया के विषय में पूछा गया था, इसका उत्तर आयोग ने भी 2006 दिया था। परंतु संशोधित उत्तर कुंजी में इस प्रश्न का उत्तर बदल दिया गया। जिस कारण कई योग्य अभ्यर्थी पीसीएस की प्रारंभिक परीक्षा में सफल होने से वंचित रह गये। कई अभ्यर्थियों का प्री आयोग की इस त्रुटि के कारण 0.001 अंक से रुक गया। उत्तरांचल अधिनियम एक्ट 2006 भारत के राजपत्र तथा उत्तराखण्ड सरकार की वेबसाईट पर साफ लिखा है कि यह अध्निियम 2006 से अस्तित्व में आया। अतः उक्त परीक्षा में प्रश्नः उत्तरांचल नाम परिवर्तन एक्ट कब अस्तित्व में आया, इसका उत्तर 2006 होना चाहिए। जबकि उत्तराखण्ड सम्मिलित राज्य अधिनस्थ सेवा परीक्षा में उक्त प्रश्न का उत्तर आयोग द्वारा 26-05-2022 को जारी संशोधित उत्तर कुंजी में गलत दिया गया। जबकि भारत सरकार द्वारा उक्त अधिनियम को 29 दिसम्बर 2006 को राजपत्र में प्रकाशित किया गया। जोकि इसका वास्तविक उत्तर होना चाहिए। अतः उक्त प्रश्न का उत्तर 2006 किया जाये, ताकि योग्य अभ्यर्थी प्रारम्भिक परीक्षा के चरण में सफल हो सके। इस संबंध मंे सचिव लोक सेवा आयोग हरिद्वार को पत्र प्रेषित कर न्याय की गुहार लगाई गई हैं।

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