रुड़की। ( बबलू सैनी ) इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी रुड़की (आईआईटी) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलोजी रुड़की (एनआईएच) ने आज आईआईटी रुड़की के एलएचसी ऑडिटोरियम में रुड़की वॉटर कॉन्क्लेव के दूसरे संस्करण की शुरूआत की। सतत् विकास लक्ष्यों के 2030 एजेंडा के लिए बढ़ते जोखिम की प्रतिक्रिया में पानी के सतत् प्रबन्धन तथा सेनिटेशन को बढ़ावा देना सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य रहा, ताकि हर व्यक्ति को सुरक्षित पानी, सेनिटेशन सुविधाएं मिलें और पानी के सतत् उपयोग से जुड़ी समस्याओं को दूर किया जा सके।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि वॉटर कॉन्क्लेव का दूसरा संस्करण का सम्मेलन सफल होगा। कहा कि भारत के जलशक्ति मंत्रालय ने भी जल प्रबन्धन के लिए कई प्रोग्राम शुरू किए हैं जैसे जल शक्ति अभियान, जल जीवन मिशन, नमामि गंगे प्रोग्राम और प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, सभी को सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना, जल प्रदूषण को दूर करना, पानी के स्रोतों का संरक्षण एवं सुधार तथा पानी की उपयोगिता को बेहतर बनाना, इन सभी प्रोग्रामों का मुख्य उद्देश्य है। सम्मेलन के दौरान इन विषयों पर चर्चा की जाएगी। कथित मुद्दों एवं इनके समाधानों तथा संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए जरूरी प्रयासों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। जी. अशोक कुमार महानिदेशक एनएमसीजी जलशक्ति मंत्रालय ने कहा कि दुनियाभर में स्थायित्व के लिए जल सुरक्षा, चर्चा का मुख्य विषय बन चुका है। इसी को ध्यान में रखते हुए रुड़की वॉटर कॉन्क्लेव 2022 पानी की कमी, सेनिटेशन तथा पानी के स्थायी उपयोग संबंधी समस्याओं को हल करने के लिए तत्पर है। इसके अलावा, एकीकृत गंगा संरक्षण मिशन के साथ यह सम्मेलन गंगा नदी के पारिस्थतिकी प्रवाह को बनाए रखने में कारगर साबित होगा और सुनिश्चित करेगा कि पानी की गुणवत्ता में सुधार लाकर पर्यावरण के सतत विकास को बढ़ावा दिया जा सके। डॉ. सुधीर कुमार डायरेक्टर एनआईएच ने कहा कि यह सम्मेलन जल स्रोतों के सतत् प्रबन्धन के महत्व पर रोशनी डालेगा। सम्मेलन जल संरक्षण से जुड़ी विभिन्न समस्याओं, इनके समाधानों, इनके कारणों पर सही एवं विस्तृत जानकारी देगा। साथ ही पर्यावरण, प्राकृतिक पर्यावरण, उर्जा, अर्थव्यवस्था एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य में जल सुरक्षा की भूमिका पर भी रोशनी डालेगा। मैं साझेदार संस्थान आईआईटी रुड़की तथा अन्य सभी हितधारकों को बधाई देना चाहूंगा जिन्होंने रुड़की वॉटर कॉन्क्लेव 2022 के दूसरे संस्करण को सफलतापूर्वक आयोजित किया। प्रो. अजीत के चतुर्वेदी डायरेक्टर आईआईटी ने कहा कि जल सुरक्षा, सतत विकास का आधार है। जल सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान एवं नीतिगत हस्तक्षेप की आवश्यकता है। रुड़की वॉटर कॉन्क्लेव का दूसरा संस्करण एक ऐसा मंच है जो राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर सरकारी नीतियों में विज्ञान के उपयोग को प्रोत्साहित करता है। रुड़की वॉटर कॉन्क्लेव 2022 के उद्घाटन समारोह में केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री डॉ. आर.के. गुप्ता चेयरमैन केन्द्रीय जल मिशन, जी. अशोक कुमार, महानिदेशक, नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा, नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा द्वारा एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया, जिसमें गंगा नदी से जुड़े विभिन्न पहलुओं तथा इसके संरक्षण, कायाकल्प के प्रयासों पर रोशनी डाली गई। प्रदर्शनी का उद्घाटन नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के महानिदेशक ने किया। प्रदर्शनी 7 मार्च तक जारी रहेगी, आस-पास के स्कूलों/कॉलेजों के छात्रों को इस प्रदर्शनी को देखने के लिए आमंत्रित किया गया है।