रुड़की। ( बबलू सैनी )
2 दिसंबर को मासूम पुत्र हशमत निवासी जोरासी जबरदस्तपुर द्वारा कोतवाली रुड़की पर तहरीर दी कि 27 नवंबर को उनका पुत्र महफूज (27) अपनी मोटर साइकिल सुपर स्प्लेंडर नंबर UK17– 6011 से बैग में कुछ कपड़े इत्यादि डालकर घर से बिना बताए चला गया है। इस संबंध में प्रभारी निरीक्षक रुड़की द्वारा वरिष्ठ उप निरीक्षक दीप कुमार के नेतृत्व में एक पुलिस टीम का गठन किया। गठित पुलिस टीम गुमशुदा की तलाश हेतु 26 दिसंबर को जनपद भोपा मुजफ्फरनगर पहुंची। इसी बीच मुखबिर से सूचना मिली कि जिस गुमशुदा महफूज कि आप तलाश कर रहे हो, उसकी परवेज आलम पुत्र शब्बीर निवासी बाखरनगर थाना भोपा जिला मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश ने हत्या कर दी थी, परवेज आलम अभी भोपा नहर पुल के पास खड़ा है और कहीं जाने की फिराक में है। मुखबिर की सूचना पर पुलिस टीम द्वारा भोपा नहर पुल के पास से परवेज आलम को पकड़ लिया। पूछताछ में परवेज ने अपनी पत्नी तरमीन और अपने साले मोनिश के साथ मिलकर महफूज की हत्या कर उसकी लाश व मोटरसाइकिल को भोपा गंगनहर में फेंक दिया था। पकड़े गए अभियुक्त से सख्ती से पूछताछ में उसने बताया कि मेरी बहन दिलरुबा की शादी महफूज के गांव जबरदस्तपुर रुड़की में हो रखी थी, जिस कारण मेरा आना जाना व मेलजोल महफूज से था। महफूज की शादी नहीं हुई थी और वह मेरी घरवाली तरमीन से फोन पर बहुत बात करता था। जिस कारण मेरी पत्नी तरमीन व साला मोनिश ने मिलकर योजना बनाई थी। मेरी पत्नी तरमीन ने महफूज को फोन कर बताया कि मेरे पास 10,00000 है, तुम कुछ पैसों का इंतजाम और कर लो और कोई बिजनेस कर लो, जो फायदा होगा, वह आपस में बांट लेंगे। 27 दिसंबर को महफूज 1 लाख रुपए व कुछ सामान लेकर तरमीन के घर बाखर नगर, मुजफ्फरनगर पहुंचा। घर पर तरमीन ने सभी के लिए खाना बनाया खाना खाने के बाद सभी के लिए चाय बनाई और योजना के तहत नशे/नींद की 07 गोलियां महफूज वाली चाय के गिलास में मिला दी, जिससे महफूज बेहोश हो गया। उसके बाद परवेज आलम तथा उसके साले मोनिश ने रस्सी से महफूज का गला घोट कर हत्या कर दी। तीनों ने मिलकर लाश को रस्सियों से बांधकर एक टाट के बोरे में डालकर भूसे वाले कमरे में रख दिया। 28 नवंबर की रात को महफूज की लाश व मोटर साइकिल तथा अन्य सामान को एक झोटा बुग्गी में रखकर गंगनहर (भोपा) में फेंक दिया। पुलिस द्वारा पकड़े जाने के डर से दिनांक 6 दिसंबर को परवेज आलम तथा उसकी पत्नी तरमीन ने अपने कपड़े गंगनहर के किनारे रख दिए थे, जिससे लोगों को यह लगे कि यह लोग गंगनहर में डूब गए हैं। उसके बाद यह लोग मुजफ्फरनगर में रहने लगे थे। पैसे खत्म होने के कारण परवेज आलम अपने घर आया था। जिसके चलते वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया। अभियुक्त की निशानदेही पर महफूज की लाश तथा मोटरसाइकिल को गंगनहर भोपा में काफी तलाश किया गया, लेकिन पानी अधिक होने के कारण लाश का कुछ पता नहीं चल पाया। अभियुक्त परवेज आलम की निशानदेही पर उसके साले मोनीष को भोपा मुजफ्फरनगर से ग्राम बाखर नगर जाने वाली रोड से गिरफ्तार किया गया। सह अभियुक्त श्रीमती तरमीन को भी मुकदमा उपरोक्त में गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त गणों की निशानदेही पर मृतक के कपड़े व अन्य सामान को परवेज आलम के घर से बरामद किया गया। तमामी विवेचनात्मक कार्यवाही एवं बरामदगी के आधार पर गुमशुदा महफूज की हत्या परवेज आलम, मोनिश व तरमीन द्वारा षड्यंत्र रचकर की गई तथा महफूज की लाश, सामान व मोटरसाइकिल को छुपाने, सबूत मिटाने की नियत से गंगनहर में फेंक देने के आधार पर गुमशुदगी उपरोक्त में धारा 302, 201, 120 बी आईपीसी का जुर्म होना पाया गया, जिसके आधार पर कोतवाली रुड़की पर मुoअo संo 839/21 धारा 302, 2001, 120 बी आईपीसी में पंजीकृत किया गया। गुमशुदा मृतक के शव व मोटरसाइकिल की तलाश जारी है। पुलिस टीम में कोतवाल देवेंद्र सिंह चौहान, एसएसआई दीप कुमार, उप निरीक्षक रणजीत खनेडा, काo विनोद चपराना व काo गुलशन शामिल रहे।

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