रुड़की। उत्तराखण्ड में गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने वाले राज्य सरकार की वास्तविक स्थिति ऐसी है कि भाजपा सरकार में पुलिस और प्रशासन की कार्यशैली पर सवालियां निशान लग रहा हैं। क्योंकि अपने बुलंद हौंसलों के चलते गौ तस्कर लगातार गौकशी की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।
ऐसी ही एक घटना पिछले दिनों बजंरग दल के कार्यकर्ताओं के साथ घटी, जब उन्होंने कुछ गौकशी करने वाले तस्करों को रोकने का प्रयास किया। वह भी तब, जब वह गौवंश को बिक्री के लिए ले जा रहे थे। बताया गया है कि विहिप के विभाग मंत्री कार्यकर्ताओं के साथ 30 सितंबर को मंगलौर नहर पुल पर गौरक्षा नाका लगाये खड़े थे। तभी एक पिकअप गाड़ी आई, जिसमें क्रूरता पूर्वक गौवंश लदे हुये थे। गाड़ी को देखकर शिवप्रसाद ने उसे रोकने का इशारा किया, तो गौ तस्कर नहीं रुके और उल्टे उन पर ही गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया और पीछा करने पर उन पर ही फायर झोंक दिया। जिसमें वह बाल-बाल बच गये, लेकिन उनके पैर में गम्भीर चोट आई। यह घटना बेहद संगीन हैं। इस मामले में पुलिस द्वारा कोई कार्यवाही न करना इस बात का सबूत है कि वह गौतस्करों से मिली हुई हैं। इस मामले में बजरंग दल के साथ ही हिन्दू संगठन उग्र आन्दोलन भी कर सकते हैं। जबकि इस सम्बन्ध में पुलिस अधिकारियों को ज्ञापन भी दिया गया, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। उन्होंने कहा कि ऐसे तस्करों के खिलाफ लगातार अभियान जारी रहेगा। सड़कों पर कितना भी खून बहे, ऐसी घटनाएं किसी भी कीमत पर नहीं होने दी जायेगी। इस सम्बन्ध में जल्द ही लड़ाई का शंखनाद हो सकता हैं।