रुड़की। ( बबलू सैनी ) हरिद्वार रोड़ स्थित कोर इंजीनियरिंग रुड़की ने आईआईटी रुड़की के साथ एमओयू किया। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की के गौरवपूर्ण 175वर्ष पूर्ण होने पर आईआईटी रुड़की ने शैक्षणिक पार्टनरशिप के लिए विभिन्न संस्थाओं से प्रस्ताव आमंत्रित किए थे, जिसके अंतर्गत केवल 5 संस्थाओं को स्थान मिला, जिसमें कॉलेज ऑपफ इंजीनियरिंग रुड़की (कोर) ने भी अपना स्थान सुनिश्चित किया। संस्थान की ओर से निदेशक डॉ. बृज मोहन सिंह ने एमओयू पर हस्ताक्षर किये।
कार्यक्रम का स्वागत भाषण आईआईटी के प्रो. संजीव मनहास ने दिया एवं प्रो. आईआईटी रुड़की अरुण कुमार ने 175 वर्ष की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में सभी चयनित संस्थाओं के उच्चाधिकारियों ने अपने विचार रखें एवं कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की ओर से डॉ. बृज मोहन सिंह ने अपने विचार रखें। आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. एके चतुर्वेदी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। बीओजी अध्यक्ष, आईआईटी रुड़की, पीवीआर मोहन रेड्डी ने भी सभागार को संबोधित किया। उसके उपरांत एआईसीटीई अध्यक्ष प्रो. अनिल डी सहस्त्रबुद्धे ने अपने विचार व्यक्त करते हुए सभी को एमओयू के लिए बधाई दी। कार्यक्रम के अंत में प्रो. विवेक मलिक ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
इस एमओयू से दोनों संस्थाओं के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को शैक्षणिक कार्यकलापों, शोध गतिविधियों एवं अन्य प्रकार की गतिविधियों में सहायता प्रदान होगी, जिनमें मुख्यतः पीएचडी छात्रों का संयुक्त मार्गदर्शन, संकाय सदस्यों को पीएचडी फेलोशिप, रिसर्च स्कॉलर्स के दौरे का प्रावधान, नवीनतम क्षेत्रों में अनुसंधान सुविधा स्थापित करने में परामर्श व अनुसंधान क्षमता स्थापित करने में सक्षम बनाने के लिए वित्त पोषण के संयुक्त प्रस्ताव, अतिथि व्याख्यान, अल्पकालिक पाठ्यक्रम, संयुक्त कार्यशालाएं/सम्मेलन, संयुक्त प्रस्ताव अनुसंधान के लिए भागीदार संस्थान में किसी भी उपलब्ध सुविधा के उपयोग को स्थापित करने और बढ़ाने के लिए आईआईटी रुड़की मेंटरशिप करेगा। संस्थान में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए परामर्श और मार्गदर्शन, सहयोग से स्टार्टअप की संख्या, संयुक्त प्रस्तावों के माध्यम से बाहरी वित्त पोषण आदि शामिल रहेगा। इस एमओयू से संस्थान के प्रबंधन शिक्षकों एवं छात्रों में हर्ष का माहौल है। इस अवसर पर कोर के अध्यक्ष जैसी जैन ने सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा यह छात्रों एवं शिक्षकों के कठिन परिश्रम का परिणाम है। साथ ही उन्होंने कहा आज भारतवर्ष में सबसे अधिक युवा वर्ग है और युवा वर्ग को उच्च लक्ष्य निर्धारित करके कार्य करने चाहिए। उसके उपरांत ही देश का विकास संभव है। मैनेजिंग डायरेक्टर श्रेयांस जैन एवं एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्रीमती चारु जैन ने भी इस उपलब्धि को ऐतिहासिक बताते हुए सबको बधाई दी।