रुड़की।
कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रुड़की (कोर) ने अपनी स्थापना के ऐतिहासिक 23 वर्ष पूर्ण होने पर एक दिवसीय कार्यक्रम आयोजित कर अपना स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया। कार्यक्रम में उत्तराखंड राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद भारत सरकार के महानिदेशक डॉ. राजेंद्र डोभाल ने बतौर मुख्य अतिथि एवं इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति कोर के अध्यक्ष जे0सी0 जैन, प्रबंध निदेशक श्रेयांश जैन, उपाध्यक्षा श्रीमति सुनीता जैन एवं कार्यकारी निदेशक श्रीमति चारू जैन ने विशिष्ट अतिथि के रुप में हिस्सा लिया। उक्त कार्यक्रम कुलपति डॉ. एस0पी0 गुप्ता एवं निदेशक डॉ. बी0एम0 सिंह के सफल निर्देशन में आयोजित हुआ। जिसका संचालन डॉ. वीरालक्ष्मी एवं श्रीमति निधि जिंदल ने किया।


मुख्य अतिथि ने अन्य अतिथियों की उपस्थिति में संस्थान द्वारा प्रकाशित दो शोध जर्नलो (पत्रिकाओ) का विमोचन किया जिनमें ‘अनवेश‘ प्रबंधन एवं कंप्यूटर एप्लीकेशन को समर्पित एवं ‘अनुसंधान और विकास ई-पत्र इंजीनियरिंग’ को समर्पित रहेगा। कोर के संस्थापक एवं अध्यक्ष जेसी जैन ने संस्थान की उपलब्धियों पर हर्ष व्यक्त करते संस्थाओं के उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने छात्रों तथा शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में विश्व स्तर के मानक स्थापित करने का आहवाहन किया। मुख्य अतिथि महानिदेशक डॉ. राजेंन्द्र डोभाल ने 24वें स्थापना दिवस की सभी छात्रों, कर्मचारियों, शिक्षकों एवं प्रबन्ध समिति को बधाई दी। उन्होंने कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रुड़की, जो आज शिक्षण संस्थान का समूह बन चुका है, के तकनिकी एवं प्रबंध शिक्षा के योगदान की प्रशंसा की और कहा कि कोर की शिक्षा के मानचित्र पर एक अलग पहचान है। उत्तराखण्ड ही नही अपितु इसकी पहचान भारत के कोने-कोने तक फैली है और शायद ही विश्व जहॉं इस संस्था के छात्र सेवारत है। उन्होंने भारत में तकनिकी शिक्षा के और विकास पर बल देते हुए कहा कि तकनिकी शिक्षा में शोध करना अत्यन्त आवश्यक है। क्योकि तकनिकी शिक्षा के बल पर ही हमारा देश प्रगति के मार्ग पर आगे बढ सकता है। अध्ययन के साथ-साथ ही छात्रों को अपने सामाजिक और नैतिक मूल्यों को समझना चाहिए। उनकी रक्षा करना आपका परम कर्तव्य बनता है। उन्होंने छात्रों एवं शिक्षकों से देश एवं प्रदेश के विकास के मॉडल पर शोध करने का आहवाहन किया और कहा कि देश एवं उत्तराखण्ड के विकास में योगदान देने वाले छात्रों एवं शिक्षकों को हमारा विभाग एवं उत्तराखण्ड सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी। कार्यक्रम की रुपरेखा को आगे बढाते हुए कुलपति डॉ. एस0पी0 गुप्ता, ने संस्थान की स्थापना के प्रथम दिन से लेकर आज तक की उपलब्धियों एवं विकास पर प्रकाश डालने के साथ-साथ आगामी योजनाओ के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कोर बीते 23 वर्षाे में प्रतिवर्ष नयी ऊॅंचाईयो को छूता चला गया एवं उसी मार्ग पर अग्रसर रहेगा। उन्होंने बताया कि कोर में उच्च कोटि के शिक्षक है, जो छात्रों को शिक्षण का कार्य कर रहे हैं, हम हमेशा उच्च कोटि की शिक्षा प्रदान करने एवं उच्च स्तरीय शोध कार्यो के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही उन्होंने एक वर्ष में किये गये शोध कार्यो का विवरण दिया। उन्होंने सभी शिक्षकों एवं छात्रों को बधाई दी और कठिन परिश्रम करने के लिए प्रेरित किया। तत्पश्चात् मुख्य अतिथि ने संस्थान के शिक्षकों को अभिप्रेरणा पुरस्कार प्रदान किया। इसके साथ ही संस्थान में इस वर्ष 10, 15 एवं 20 वर्षो का कार्यकाल पूर्ण कर चुके कर्मचारियों एवं शिक्षको को रिकग्नििशन अवार्ड से सम्मानित किया, जिनमें डॉ. कमल कपूर प्रोफेसर एवं डीन अकेडमिक, श्रीमति अनुराधा, शरद कुमार सिंह, श्रीमति सुप्रिया, मुकेश कुमार भारद्वाज, आदेश वर्मा, करन पाल, राज सिह, शिव कुमार, मनोज सेमवाल, मनोज कुमार, रमेश सिह पुडीर, नवीन कुमार अग्रवाल, विपिन जयसवाल, वरूण प्रताप सिंह, खालिद रहमान अंसारी एवं संदीप नेग शामिल रहे। इस अवसर पर कोर के 6 भूतपूर्व छात्रों को उनकी उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया गया। इनमें राजीव कुमार (2004), प्रान्शु नास्वा (2008), पंकज कुरील (2006), संतोष कुमार (2003), नवनीत सिंह (2010) तथा खजान सिंह (2008) ने पुरस्कार ग्रहण किये। कार्यक्रम के अंत में कोर के निदेशक डॉ. बी.एम. सिंह ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कॉलेज के सभी छात्र-छात्राएं, कर्मचारी, शिक्षक आदि मौजूद रहे।

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