रुड़की। ( बबलू सैनी ) केवि-1 रुडकी में आज पुस्तकोपहार कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत नए सत्र में अगली कक्षा में जाने वाले बच्चे अपनी पिछली कक्षा के पुस्तक विद्यालय में दान करते है तथा अपने लिए नयी कक्षा की दान में आई हुई पुस्तक प्राप्त करते है। इसमें आज कक्षा -1 से 9 तक के बच्चों ने आपस में किताबों का आदान-प्रदान किया।
केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-1 रुडकी में आयोजित पुस्तक उपहार कार्यक्रम में विद्यार्थियों और अभिभावकों को संबोधित करते हुए प्राचार्य वी.के. त्यागी ने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण का है। हम सभी ये जानते है कि कागज और किताबें पेड़ों से ही बनाई जाती है। पेड़ हमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष जीवन प्रदान करता है। क्योंकि ये ऑक्सीजन उत्पादन, सीओ-2 उपभोग का स्रोत और बारिश का स्रोत है। प्रकृति की तरफ से धरती पर मानवता को दिया गया ये सबसे अनमोल उपहार है। जिसका हमें आभारी होना चाहिये तथा इसको सम्मान देने के साथ ही मानवता की भलाई के लिये संरक्षित करना चाहिये। इसके अलावा किताबों पर व्यय होने वाले पैसों की बचत तथा विद्यार्थियों में सहयोग की भावना विकसित करना भी इसमें निहित है। कार्यक्रम की सबसे अच्छी बात यह रही कि बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने अपनी पुस्तके आपस में बदलकर पेड़ों को कटने से बचाया तथा पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अपना सहयोग दिया। वहीं पुस्तकालयाध्यक्ष श्रीमती पूनम कुमारी ने कहा कि केंद्रीय विद्यालय संगठन के कैंपेन ‘कागज बचाओ-पेड़ बचाओ’ के तहत हर वर्ष इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। वहीं उप प्राचार्या श्रीमती अंजू सिंह ने कहा कि छात्रों ने पूरे साल किताबों को पढ़ा, इसके बाद भी उन्होंने किताबों को संभालकर रखा, जिससे इनका इस्तेमाल दूसरे छात्र आसानी से कर सकेंगे। इससे उन छात्रों की भी मदद हो जाती है, जो पुस्तके खरीदने में असमर्थ होते है। इस अवसर पर श्रीमती पूनम कुमारी, श्रीमती प्रभा सैनी, श्रीमती रुक्मणि कुकरेती, सुश्री गुलशन खान, श्रीमती कुसुम जोशी, अमरीश कुमार, सुशील कुमार, श्रीमती रवीना यादव, विवेक कुमार, देबी सिंह, सुश्री श्रुति पालीवाल, विपिन कुमार, संदीप, श्रीमती ऋतू बत्रा आदि मौजूद रहे।
केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-1 रुड़की में हुआ पुस्तकोपहार कार्यक्रम का आयोजन, छात्रों ने आपस में किया पुस्तकों का आदान-प्रदान
