रुड़की। ( बबलू सैनी ) भाजपा हाईकमान द्वारा उत्तराखण्ड की 59 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिये गये, जबकि 11 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं की गई। इससे पता चलता है कि इन सीटों पर हाईकमान गहन विचार-मंथन करने के बाद ही टिकट जारी करेगा। झबरेड़ा सीट की बात की जाये, तो यहां से कई दावेदार संगठन के माध्यम से अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं। कई नाम ऐसे हैं, जिन्हें विधानसभा क्षेत्र का कोई भी मतदाता नहीं जानता। जो नाम उबरकर सामने आ रहे हैं, उनमें विधायक देशराज कर्णवाल, उनकी धर्मपत्नि वैजयंती माला, अमीलाल वाल्मीकि, राजपाल सिंह व समाजसेवी जुगेन्द्र सिंह शामिल हैं। यहां से टिकट हासिल करने के लिए यह दावेदार लगातार देहरादून से लेकर दिल्ली तक की दौड़ लगा रहे हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में विधायक कर्णवाल द्वारा भी विकास के अच्छे काम कराये गये। वहीं उनकी धर्मपत्नि वैजयंती माला भी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही। साथ ही राजपाल सिंह व अमीलाल वाल्मीकि द्वारा विधानसभा क्षेत्र में जनसंपर्क कर अपनी-अपनी जमीन को मजबूत किया गया। वहीं समाजसेवी जुगेन्द्र सिंह भी पिछले लंबे समय से इस सीट पर जी-तोड़ मेहनत करने में लगे हुये हैं। लोगों का असीम प्यार भी उन्हें मिल रहा हैं। लेकिन इस सीट पर टिकट का पेंच फंसता जा रहा हैं। किसी भी दावेदार के नाम की घोषणा न करना कुछ ओर कही कहानी बयां कर रहा हैं। अब ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि कहीं न कहीं विधायक देशराज कर्णवाल का विरोध जरूर सामने आ रहा हैं। जिसकी रिपोर्ट भी हाईकमान तक पहंुच गई हैं। यही कारण है कि उनके नाम पर अभी तक भी मुहर नहीं लगाई गई। अब देखने वाली बात यह होगी कि इन्हें छोड़कर अन्य दावेदार तो पहले ही टिकट की दौड़ से बाहर हो गये थे। अब हाईकमान इस सीट पर किसे अपना प्रत्याशी बनाता हैं, यह तो उनकी घोषणा के बाद ही पता चल सकेगा। बताया गया है कि अगले दो दिन में बची हुई उत्तराखण्ड की 11 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा होगी। झबरेड़ा किसके हाथ लगेगा, यह भी देखने वाली बात होगी।

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