रुड़की। ( आयुष गुप्ता )
आज बसपा पदाधिकारियों द्वारा नगर के एक रेस्टोरेंट में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा की गई। इस दौरान हरिद्वार जनपद में जिपं चुनाव को लेकर चल रहे विभिन्न राजनीतिक दलों के षड्यंत्र की जानकारी दी ओर बताया कि भाजपा बसपा से डरकर उनके प्रत्याशियों को डराने का काम कर रही है।
यूपी के पूर्व मंत्री एवं उत्तराखंड प्रभारी गया चेतन दिनकर ने कहा कि पंचायत चुनाव में बसपा की बढ़ती ताकत को देखकर भाजपा बौखला गयी है। जिसके चलते बसपा के 6 जिपं सदस्यों को भाजपा पार्टी की ओर से धमकी भरे फोन आ रहे है। साथ ही बताया कि बसपा प्रत्याशियों को फर्जी मुकदमे आदि में फंसाने की भी धमकी दी जा रही है। सरकार सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर फर्जी तरीके से जिला पंचायत अध्यक्ष का पद कब्जाना चाहती है। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा इतनी ही डरी हुई है, तो वह चुनाव को खारिज करा कर जिला पंचायत अध्यक्ष की घोषणा ही कर दें। फिर क्यों चुनाव कराने की जरूरत महसूस की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर चुनाव को प्रभावित करने का काम कर रही है। भाजपा में दम नहीं है बसपा का मुकाबला कर सके। इसलिए वह चुनाव में आने से डर गई है। उन्होंने कहा कि पूरा मामला राज्य सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग के संज्ञान में है और उन्होंने उनसे अपील की है कि समय रहते इस तरह की हरकतों पर लगाम लगाएं और पारदर्शी तरीके से चुनाव संपन्न कराए। इस प्रकार की घटनाएं अब बसपा बर्दाश्त नहीं करेगी। वही टिकट कटने वाले नेताओं की नाराजगी पर उन्होंने कहा कि सभी बसपा के सच्चे सिपाही हैं और बसपा को मजबूत करने का काम करेंगे। वही प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सरकार बसपा से डरी हुई है और हार के डर से अनर्गल ब्यानबाजी कर रही है। वहीं उन्होंने टिकट बेचने के आरोप पर सफाई देते हुए कहा कि यह आरोप निराधार हैं और जो लोग इस तरह के आरोप लगा रहे हैं। वह ठीक नहीं है। ज्ञात हो कि आरोप लगाने वाले कार्यकर्ता लंबे समय से पार्टी को सींचते आ रहे हैं। ऐसे में ना तो प्रदेश अध्यक्ष और ना ही प्रभारी समेत किसी अन्य पदाधिकारी ने जाकर उनकी पीड़ा को समझा और ना ही उसका समाधान निकाला जिसको लेकर यह साफ जाहिर होता है कि कहीं ना कहीं कार्यकर्ताओं द्वारा लगाए गए आरोप सही है। क्योंकि जिन जिन लोगों का टिकट कटा, उन्होंने बसपा प्रदेश अध्यक्ष पर आरोप लगाया था। लेकिन उन्होंने आरोप निराधार बताएं। सबसे बड़ी बात यह है कि पार्टी पदाधिकारियों ने ऐसे कार्यकर्ताओं की पीड़ा को जानना जरूरी नहीं समझा, जो एक बसपा प्रदेश अध्यक्ष और कार्यकर्ता के बीच कर्तव्यनिष्ठा होती है। उसको भी तार-तार कर दिया है। वहीं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा ने कहा कि स्थानीय भाजपा नेताओं और सरकार को जब लगा कि उनके सदस्य नहीं जीत पा रहे हैं, तो उन्होंने बसपा प्रत्याशियों को डराने-धमकाने का काम करें। साथ ही बताया कि जो लोग उन्हें चुनाव से भटकाने का काम कर रहे है, वह उनके सामने आकर चुनाव लड़ें, पता लग जाएगा कि वह कितने पानी में है और सुभाष वर्मा कितने पानी में। वार्ता में प्रदेश प्रभारी नरेश गौतम, जिला अध्यक्ष अनूप सिंह, चंद्रपाल समेत आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।