रुड़की। ( आयुष गुप्ता )
भारतीय किसान यूनियन (अंबावत) द्वारा किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर मेरठ कमिश्नरी के बाहर एक दिवसीय धरना दिया गया, जिसमें पहुंचे यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल सिंह अंबावत ने कहा कि आज देश के किसानों की समस्याओं को सरकार सुनने के लिए तैयार नहीं है। देश का किसान जहां भुखमरी और आर्थिक तंगी के कगार पर है, वहीं मौसम की मार ने किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अंबावत ने कहा कि जब तक किसान खुशहाल नहीं होगा देश भी खुशहाल नहीं होगा। किसानों की ग्यारह सूत्रीय मांगें, जिसमें देश के संपूर्ण किसानों की कर्जा माफी, किसान आयोग का गठन, वृद्धा पेंशन पांच हजार रुपए, गन्ना किसानों का बकाया भुगतान तुरंत करने, गन्ने का मूल्य चार सौ रुपए प्रति क्विंटल, किसानों को मुफ्त बिजली देने एवं ट्यूवैलों पर लगे मीटर हटाने, उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों में बाढ़ से प्रभावित किसानों के नुकसान की भरपाई कर उनको उचित मुआवजा देने, गौतमबुध नगर में दस प्रतिशत भूखंड आबादी वैकलीज तथा रोजगार सहित विभिन्न मांगों का संज्ञान लेकर समाधान करने, कांवड़ यात्रा में सड़क हादसे एवं बिजली की चपेट में मारे गए शिव भक्तों को एक करोड़ रुपए रुपए प्रति व्यक्ति आर्थिक सहायता देने, वर्ष 2010 में गाजियाबाद स्थित टानिका सिटी और यूपीएसआईडीसी से हुए किसानों के समझौते को लागू करने, वर्ष 2022 को मुजफ्फरनगर में शांतिपूर्वक धरना दे रहे किसानों पर जिलाध्यक्ष सहित फर्जी मुकदमे वापस लेने एवं सिकंदराबाद के अंदर एनएच 91 में एनएचएआई द्वारा किसानों का बकाया पैसों का तुरंत भुगतान किए जाने संबंधी ज्ञापन मेरठ कमिश्नर को सौंपा गया इन मांगों के पूरा नहीं किए जाने पर लखनऊ में बड़े किसान आंदोलन की भी घोषणा की गई। रुड़की से धरना स्थल पर पहुंचे महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष रश्मि चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष चौधरी सुभाष नंबरदार, युवा विंग अध्यक्ष फरमान अली एडवोकेट, डॉक्टर शगुन आदि ने भी बड़ी संख्या में साथियों सहित पहुंच किसानों की समस्याओं को लेकर अपने-अपने विचार व्यक्त किए।