रुड़की। ( बबलू सैनी ) केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-1 रुडकी में आज हिंदी के सुप्रसिद्ध लेखक मुंशी प्रेमचंद की जयंती के अवसर पर उनके द्वारा रचित पुस्तकों की प्रदर्शनी आयोजित की गयी। कल 31 जुलाई को मुंशी प्रेमचंद की जयंती है, इसलिए इस प्रदर्शनी का आयोजन आज किया गया, इनमे उनकी पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकों को प्रदर्शित किया गया।
प्रदर्शनी का उद्घाटन प्राचार्य वी.के. त्यागी ने किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 31 जुलाई को वाराणसी के पास एक गांव लम्ही में जन्मे प्रेमचंद ने अपने साहित्य में शोषण और अधीनता, लालच और भ्रष्टाचार, गरीबी और एक अडिग जाति व्यवस्था के बारे में लिखा। उन्होंने निरंतर सभ्य गरीबी के खिलाफ आजीवन लड़ाई लड़ी। उनकी लेखनी हमेशा शोषण और अन्याय के खिलाफ चलती रही और इसी गुण ने प्रेमचंद को आधुनिक पाठकों के लिए भी प्रासंगिक बना दिया। नमक का दरोगा, दो बैलों की कथा या ईदगाह जैसी महान कहानियां आज भी स्कूली पाठ्य पुस्तकों में पढ़ने के लिए हैं। पुस्तकालयाध्यक्ष पूनम कुमारी ने कहा कि महान कवियों तथा लेखकों की जयंती पुस्तकालय में मनाने का मुख्य उद्येश्य विद्यार्थियों को उनकी रचनाओं से अवगत कराना है तथा साहित्य पढने के प्रति उनकी रूचि को जागृत करना है। मुंशी प्रेमचंद उस दौर के लेखक थे, जब हम आजादी के लिए संघर्ष कर रहे थे और आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर इसका आयोजन उनको श्रद्धांजलि है। आज विद्यालय की प्रातः कालीन सभा में प्राचार्य वीके त्यागी ने सभी शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को जल संरक्षण की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के माध्यम से ही हम पर्यावरण तथा आने वाली पीढ़ी को बचा सकते है। हमारे देश में 1 जुलाई 2022 से ‘एकल उपयोग वाले प्लास्टिक’ के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। आज विद्यालय में ‘एकल उपयोग वाले प्लास्टिक’ के उपयोग न करने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया गया। इसके अंतर्गत स्काउट एंड गाइड के विद्यार्थियों ने लिखे हुए स्लोगन की पट्टी के साथ आस पास के क्षेत्र में रैली निकाली तथा समाज को इससे होनेवाले नुकसान के बारे में जागरूक किया। इसके आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्राचार्य वी के त्यागी ने कहा कि देश को प्लास्टिक मुक्त बनाना है। इसके लिए सबसे ज्यादा जरुरी है कि बच्चों को प्लास्टिक कचरे से होने वाले दुष्परिणाम के बारे में बताया जाये तथा उन्हें इसकी सफाई व पुनरुपयोग के लिए प्रेरित किया जाये। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को बचाने का एक ही तरीका है कि ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाना और प्लास्टिक से पर्यावरण को बचाना है। इस अवसर पर उप प्राचार्या अंजू सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्लास्टिक मक्त भारत अभियान के तहत इस कार्यक्रम के आयोजन का मुख्य उद्द्येश्य समाज के सभी वर्गों को प्लास्टिक कचरे से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करना हैं।