रुड़की। ( बबलू सैनी ) बार एसो. रुड़की के पदाधिकारियों की ओर से आज पूर्व काबिना मंत्री मदन कौशिक को एक ज्ञापन सौंपकर अवगत कराया गया कि तहसील परिसर रुड़की में अधिवक्ताओं के चैम्बरों को तोड़कर सार्वजनिक पार्किंग का निर्माण कराये जाने की शासन-प्रशासन की योजना हैं। इसकी पुष्टि विभिन्न समाचार-पत्रों एवं एसडीएम रुड़की से हुई वार्ता में भी हुई हैं। साथ ही बताया कि एसडीएम के निर्देशन में भूमि की नाप-तौल कर सर्वेक्षण भी किया गया हैं। उन्होंने कहा कि तहसील परिसर में इतनी भूमि उपलब्ध नहीं हैं, कि वहां पार्किंग का निर्माण कराया जा सके। साथ ही कहा कि तहसील रुड़की परिसर से बाजार भी तीन किमी दूर पड़ता हैं। इसलिए पार्किंग बनाने का यहां कोई औचित्य ही नहीं हैं। साथ ही कहा कि यहां तहसील में माल के कागजात रहते हैं। भविष्य में पार्किंग बनने से अगर दुर्घटनावश आग लग गई, तो तहसील के कागजात और माल नष्ट होने की संभावना हैं। सुरक्षा के मद्देनजर यहां पार्किंग नहीं बननी चाहिए। इस तहसील का इतिहास लगभग 100 साल से हैं और अंग्रेजों के जमाने से ही यह तहसील हैं। यहां के अधिवक्ता पिछले 15 वर्षों से तहसील रुड़की में लेबर कोर्ट व कंजूमर कोर्ट की मांग शासन से करते आ रहे हैं और इनकी भविष्य में आने की संभावना भी हैं। इन दोनों न्यायालय के लिए भूमि की आवश्यकता भी होगी। साथ ही कहा कि जहां पार्किंग की बात हो रही हैं, वहां शिव मंदिर और अटल कैंटीन भी हैं। जिन अधिवक्ताओं के चैम्बर पार्किंग की वजह से तोड़े जा रहे हैं, वह पिछले 40 वर्षो ंसे यहां चैम्बर में बैठकर काम करते आ रहे हैं। यदि ऐसा हुआ, तो वह बेरोजगार हो जायेंगे और उनका भविष्य ही समाप्त हो जायेगा। इस दौरान उन्होंने अपने सुझाव देते हुए कहा कि रोड़वेज बस स्टैण्ड के पास में तहसीलदार के आवास पर लगभग 6 बीघा भूमि खाली पड़ी हैं। तहसीलदार आवास व पॉलरिस होटल के सामने नेशनल हाईवे का अस्थाई कार्यालय था, जो अभी खाली हैं। तहसील परिसर व चर्च के सामने लोगों ने सरकारी नजूल की भूमि 60 फुट गहरी अवैध दुकानें बना रखी हैं। कहा कि पुरानी सब्जी मंडी मैन बाजार में स्थित हैं, वह सरकारी भूमि हैं जबकि नई मंडी का निर्माण हो चुका हैं। यही नहीं मलकपुर चुंगी पर भी सरकारी भूमि हैं। यहां भी पार्किंग बनाई जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि सभी अधिवक्ता चैम्बर तोड़ने का पूरा विरोध करेंगे और किसी भी हालत में पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने पूर्व मंत्री से यह भी कहा कि पार्किंग को तहसील परिसर से किसी अन्य जगह पर बनाने के आदेश पारित करायें जाये। साथ ही इस संबंध में एक प्रतिलिपि बार काउंसिल ऑफ इण्डिया दिल्ली, नैनीताल, मुख्य सचिव देहरादून, शहरी विकास मंत्रालय, जिलाधिकरी हरिद्वार एवं एसडीएम रुड़की को भी प्रेषित की गई हैं।