रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) सरकार द्वारा अशासकीय विद्यालयों के साथ किये जा रहे सौतेले व्यवहार एवं पीटीए शिक्षकों के प्रति सरकार के रवैये तथा अशासकीय विद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रिया को रोकने की निंदा करते हुए उत्तराखण्ड माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राजेश सैनी व जितेन्द्र पुण्डीर ने आंदोलन की चेतावनी दी। संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रदीप त्यागी ने बताया कि सरकार द्वारा अशासकीय विद्यालयों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा हैं तथा इनमें कार्यरत पीटीए शिक्षकों के प्रति सरकार के रवेैये से शिक्षकों में आक्रोश हैं। वहीं संघ के जिलाध्यक्ष राजेश सैनी व जिला मंत्री जितेन्द्र पुण्डीर ने सरकार के अशासकीय विद्यालयों के प्रति गलत व्यवहार की निंदा करते हुए पत्र लिखकर आन्दोलन की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि सरकार अशासकीय विद्यालयों को बदनाम कर रही हैं। अब पीटीए शिक्षकों को लेकर भी उसका रवैया निदंनीय हैं। जबकि विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के कारण पीटीए शिक्षकों की नियुक्ति, अध्यापक, अभिभावक संघ द्वारा विधिसम्मत् तरीके से की जाती हैं। जिलाध्यक्ष राजेश सैनी ने कहा कि सरकार पहले से ही अशासकीय विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को टेबलेट, गणवेश, पाठ्य पुस्तकंे, खेल सामग्री आदि में सौतेला व्यवहार कर रही हैं। अब चयन आयोग बनाने के नाम पर इन विद्यालयों में चल रही नियुक्ति प्रकिया पर भी रोक लगा दी गई हैं, जिससे विद्यालय में शिक्षकों की कमी के कारण पठन-पाठ्न प्रभावित होगा। जिसका नुकसान इन विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को होगा। उन्होंने अशासकीय विद्यालयों के साथ सौतेला व्यवहार बंद कर इन्हें भी राजकीय विद्यालयों की तरह ही सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की।

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