रुड़की/लण्ढौरा। ( बबलू सैनी ) कौमी एकता कमेटी की ओर से चमन लाल डिग्री कॉलेज के सभागार में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन किया गया, जिसमें देशभर से कवियों व शायरों ने अपनी रचनाओं के जरिए देशप्रेम, राष्ट्रीय एकता, सामाजिक विषमताओं व रोमांटिक विषयों का चित्रण किया। अंतरराष्ट्रीय शायर व उत्तराखंड उर्दू अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष अफजल मंगलौरी को कमेटी की तरफ से राष्ट्रीय एकता सम्मान से नवाजा गया। कार्यक्रम का शुभारंभ कॉलेज के अध्यक्ष रामकुमार हरित, राव आफाक, मनोज नायक, राव अखलाक, अमित कुमार, शाहजेब खान, राव अकरम व सोनू साबरी द्वारा फीता काटकर संयुक्त रुप से किया गया। कवि सम्मेलन व मुशायरे में बलरामपुर यूपी से आए शायर अकमल बलराम पुरी ने अपना दर्द यूँ बयां किया कि जो कभी हमको जख्म देते थे। आज उनसे भी दोस्ती कर ली। कानपुर से पधारी कवयित्री डॉ. अंजना कुमार ने अपनी व्यथा इस प्रकार व्यक्त की कि लाख कोशिशें करूँ उन्हें एतबार नहीं होता। एक बेवफा को कभी प्यार नहीं होता। अंतरराष्ट्रीय उस्ताद शायर अफजल मंगलौरी ने फरमाया कि खुद विष पीकर भारत मां के बलिदानी। आजादी का हमको अमृत पिला गए। दिल्ली से आई कवियित्री रजनी सिंह अवनी ने देश में बढ़ रहे साम्प्रदायिक तनाव पर कटाक्ष करते हुए पढ़ा कि जब से कट्टरपंथी डायन, आन बसी इस बस्ती में। सब हिन्दू या मुसलमान है, कोई भी इंसान नहीं। युवा शायर अलीम वाजिद ने पढ़ा कि जिसके सीने में नहीं अपने वतन की उल्फत। वो कभी सच्चा मुसलमान नहीं हो सकता। देवबंद से पधारे शायर जावेद आसी ने तालियों के बीच पढ़ा कि मेरी किस्मत है हिंदुस्तान जैसी। मुझे अपनों ने ही लूटा बहुत है। कवि पंकज त्यागी ने देश की आंतरिक सुरक्षा पर तंज करते हुए पढ़ा कि अगर लडकी अकेली शहर में जाने से डर जाए। तो बेहतर है कि हाकिम खुद ही कुर्सी से उतर जाए। इनके अलावा साहिल माधोपुरी, इम्तियाज अजहर बिजनौरी, हास्य के बादशाह चांद ‘फटाफट’ नेहटौरी, महेश सहारनपुरी, शादाब कमर, हिदाया सिकन्द्रपुरी, विनीत भारद्वाज आदि ने भी काव्यपाठ कर श्रोताओं को देर रात तक कविताओं व गजलों से मंत्रमुग्ध किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आदिल फरीदी व संचालन साहिल माधोपुरी ने किया। साहिल माधोपुरी को उत्तम संचालन के लिए ‘फख्र ए निजामत’ अवार्ड से नवाजा गया। कार्यक्रम संयोजक डॉ. अमजद अली ने सभी का आभार प्रकट किया। कवि सम्मेलन को सफल बनाने में चेयरमैन नगर पंचायत मौ. शहजाद खान, कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुशील उपाध्याय, अमित कुमार, सोनू साबरी, सै. नफिसुल हसन, चांदी खान, मुबीन अहमद, इमरान देशभक्त, साजिद अली आदि का विशेष सहयोग रहा।