रुड़की। ( आयुष गुप्ता )
आवास-विकास कॉलोनी में पितृ पक्ष के अवसर पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चतुर्थ दिवस आज आचार्य रमेश सेमवाल ने श्री कृष्ण जन्म की कथा सुनाई। जिसमें उन्होंने बताया कि भगवान का जन्म संतो व भक्तों की रक्षा के लिए होता है। जब कंस के अत्याचार बढ़ने लगे ओर कंस ने अपने पिताजी को बंदी बना लिया तथा बहन देवकी और बासुदेव को भी बंदी बना लिया। साथ ही संसारभर में अत्याचार करने लगा ओर पूजा-पाठ बंद करा दिया। यहां तक की यज्ञ भी बंद करा दिए ओर अपनी बहन देवकी के पुत्रों की भी हत्या करने लगा। देवकी को आठवें गर्भ से ही भगवान का अवतार हुआ। भगवान ने कंस का वध किया। भगवान हमेशा भक्तों की रक्षा करते हैं, हमें निरंतर भगवान की भक्ति करनी चाहिए। कथा व्यास आचार्य रमेश सेमवाल ने कहा कि कलयुग में भक्ति ही श्रेष्ठ है। हमें माता-पिता की निरंतर सेवा करनी चाहिए और मृत्यु के बाद श्राद्ध अवश्य करना चाहिए। आचार्य सेमवाल ने आज श्री राम अवतार की कथा भी सुनाई। राम अवतार में भी भगवान ने रावण के अत्याचारों से संसार को मुक्ति दिलाई और रावण का वध किया। भगवान को अहंकार बिल्कुल पसंद नहीं है। भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया और संसार में धर्म की स्थापना की। परमात्मा हमेशा भक्तों के हृदय में रहते हैं, कलयुग में भक्ति ही प्रधान है। भक्ति ही श्रेष्ठ है। भक्ति में ही शक्ति है। इसलिए निरंतर भक्ति करनी चाहिए, आज श्री कृष्ण जन्म के अवसर पर भक्तों ने उत्साह के साथ भगवान श्रीकृष्ण जन्म उत्सव से मनाया। कथा में राकेश मित्तल, संदीप मित्तल, प्रदीप मित्तल, आचार्य नरेश शास्त्री, संदीप शास्त्री, मुकेश शास्त्री, सुलक्षणा सेमवाल, राधा भटनागर, राधा भंडारी, चित्रा गोयल, आदिति सेमवाल, चिराग मित्तल आदि मौजूद रहे।

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