रुड़की। उत्तराखण्ड सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकार संदीप सैनी निवासी भारापुर भौंरी ने जिलाधिकारी को लिखे शिकायती पत्र में उन्हें अवगत कराया कि मेरी पत्नी संजीता सैनी आंगनबाड़ी वर्कर है, जो कि रुड़की परियोजना द्वितीय में कार्यरत है। इसी माह 26 अप्रैल 2021 को विभागीय निर्देशानुसार कोविड-19 चेकअप के लिए कैम्प गांव भौंरी में लगाया गया, जिसमें मेरी पत्नी संजीता सैनी व मेरे पुत्र तनिष्क सैनी व अभिनव सैनी का चेकअप हुआ। चेकअप टीम का नेतृत्व डॉ. आशीष चौहान द्वारा किया गया। जिसमें 50 से ऊपर लोगों के टेस्ट किए गए, इसमें टेस्टिंग की रिपोर्ट मेरे दोनों पुत्रों की नेगेटिव व मेरी पत्नी की पॉजिटिव आई जिससे वह बहुत परेशान हुई लेकिन डॉक्टरों के निर्देशानुसार जो मेडिसिन उपलब्ध कराई गई उन को नियमित रुप से लेना शुरू कर दिया, लेकिन मुझे तसल्ली नहीं हुई। मैंने 28 अप्रैल 2021 को पुनः बहादराबाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर पत्नी का टेस्ट कराया। जिसकी रिपोर्ट मुझे 30 अप्रैल को प्राप्त हुई। जो चौंकाने वाली रिपोर्ट थी उसमें मेरी रिपोर्ट भी नेगेटिव व मेरी पत्नी की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई। जो व्यक्ति एक बार पॉजिटिव हो जाता है। 28 दिन से पहले उसकी रिपोर्ट नेगेटिव संभव नहीं है, लेकिन इसमें झोल जो मुख्यतः है। उक्त चिकित्सक डॉ. आशीष चौहान का हैं। आशीष द्वारा आंगनबाड़ी में जो बच्चे पंजीकृत होते हैं उनका चेकअप किया जाता है। वह बच्चों का चेकअप सिर्फ आंगनबाड़ी रजिस्ट्रों को देखकर उसमें पंजीकृत बच्चों को अपने रजिस्टर में लिखकर पूरा कर लेता है। इसका विरोध मेरी पत्नी संजीता सैनी ने किया कि डॉक्टर साहब इस तरह गलत है। हमारी जिम्मेदारी है कि सबका नियमित चेकअप किया जाए जिससे जो बच्चे बीमार हैं उनको चिकित्सा मिल सके। इस बात से तिलमिलाए डॉ. आशीष चौहान ने मेरी पत्नी के साथ अभद्रता की और उसे धमकाया। साथ ही विभागीय जांच की धमकी भी दी थी। अब कोविड-19 कैम्प में उक्त चिकित्सक ने मेरी पत्नी का सैम्पल बदला। क्योंकि उसने पहले से धमकी दे रखी थी कि मैं तुम्हें समय आने पर देख लूंगा। चेकअप की रिपोर्ट पॉजिटिव जानबूझकर डॉक्टर आशीष चौहान के द्वारा कुकृत्य कर कराई गई। जिस व्यक्ति का वह सैंपल था। वह व्यक्ति कितने लोगों से मिला होगा, कितनों को उसने पॉजिटिव किया होगा उसके स्वास्थ्य का क्या हुआ होगा? यह कई सवाल खड़े होते हैं। जो व्यकित विभाग में रहकर रंजिश रखकर काम करता हो, उस व्यक्ति को कभी किसी सेवा में नहीं रखा जाना चाहिए। उन्होंने डीएम से अपील की कि डॉ. आशीष चौहान को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाए तथा उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए तथा उसे कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।