रुड़की। ( बबलू सैनी ) विश्व में संस्कृत दिवस मनाया जा रहा हैं। इसे श्रावण पूर्णिमा के दिन मनाते हैं। यह दिवस वर्ष 2020 में 3 अगस्त तथा 2019 में 15 अगस्त को मनाया गया था। इस संबंध में जानकारी देते हुए शिक्षक अशोक पाल सिंह ने कहा कि 1969 में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के आदेश से केंद्र तथा राज्य स्तर पर संस्कृत दिवस मनाने के निर्देश दिये गये। कर्नाटक राज्य में एक ऐसा गांव हैं, जहां प्रत्येक व्यक्ति संस्कृत बोलता हैं। गांव का नाम सिमोगा जिला मुंतर हैं। उत्तराखण्ड राज्य में संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए 13 जनपदों में 13 संस्कृत ग्राम जिला स्तर के बाद ब्लॉक स्तर पर मनेंगे। कर्नाटक एवं मध्य प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखण्ड में भी संस्कृत गांव विकसित होने जा रहा हैं। संस्कृत अकादमी द्वारा हर जिले में एक गांव चुना गया। तब पूर्व सीएम त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा प्रथम चरण में जिला स्तर पर एक गांव को संस्कृत ग्राम के रुप में विकसित करने की बात कही गई थी। जिला स्तर की सफलता के बाद यह प्रयोग ब्लॉक स्तर पर लागू होगा। संस्कृत शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने कहा कि संस्कृत देवभाषा मानी जाती हैं। ये ही नही इस भाषा को उत्तराखण्ड की द्वितीय राज भाषा का दर्जा हासिल हैं। उन्होंने कहा कि बागेश्वर के भंतोला समेत तीन गांव में यह प्रयोग शुरू किया गया हैं। हरिद्वार में चयनित गांव जिनमें मुंडियाकी, उत्तरकाशी में मुखवा, चमोली में रतूड़ा, रुद्रप्रयाग में हांगी, टिहरी में शामली, देहरादून में मालदेवता, पौड़ी में फलस्वाडी, नैनीताल में पंतलोड़, अल्मोड़ा में जागेश्वर, पिथरोगढ़ में उग्र, चंपावत में गरसाडी और यूएस में गुल्लर भोज चुना गया हैं।