रुड़की। श्रीलक्ष्मी नारायण मंदिर गंगा तट पर कालसर्प योग का पूजन का प्रथम दिन बुधवार को प्रारंभ हुआ। जो 12 व 13 अगस्त को पूर्ण होगा। लक्ष्मी नारायण मंदिर पर पिछले 25 वर्षों से कालसर्प दोष पूजन का आयोजन हर वर्ष श्रावण मास में किया जाता है। जिसमें महाकाल का अभिषेक, मां मनसा का पूजन किया जाता हैं। कालसर्प योग मनुष्य के जीवन में नाना प्रकार की बाधाओं को उत्पन्न करता है, जैसे विद्या में रुकावट, विवाह में अवरोध, संतान उत्पत्ति में बाधा, गृह क्लेश, व्यवसाय का ना चलना आदि शामिल हैं। कालसर्प पूजन पंडित राम गोपाल पाराशर द्वारा प्रतिदिन प्रातः 7ः00 से 10ः30 बजे तक किया जाता हैं। इस मौके पर पं. राजाराम त्रिपाठी, भोलू तिवारी, मंदिर के अध्यक्ष सुभाष सरीन, उत्कर्ष, कल्याण, दीपक, मनीष, उर्वशी, अभिषेक, मानव भारद्वाज, सागर परशुराम, रश्मि व अंजलि आदि लोगों ने भाग लिया।