रुड़की।
सिंकदरपुर भैंसवाल गांव में हाईवे किनारे स्थित तालाब/जोहड़ पर एवरेस्ट कम्पनी द्वारा अपना मलबा टैक्टर-ट्रालियों से भरवाकर तालाब में डलवाया जा रहा था। यह सब कुछ वहां के एक जनप्रतिनिधि के इशारे पर हो रहा था। तालाब का भराव होते देख स्थानीय वाल्मीकि समाज के लोगों में गहरा रोष उत्पन्न हो गया और उन्होंने इसका विरोध करते हुए भगवानपुर एसडीएम, तहसीलदार व अन्य अधिकारियों से इसकी शिकायत की, यही नहीं यह मामला मीडिया की जब सुर्खियों में आया तो, कम्पनी मालिक की चूलें हिल गई ओर कम्पनी प्रबन्धन द्वारा तालाब से अपना मलबा उठवाया जाने लगा,
जिस पर ग्रामीणों ने राहत की सांस ली। बताया गया है कि जब यह सूचना उक्त जनप्रतिनिधि को लगी, तो वह एवरेस्ट कम्पनी में पहंुचा और प्रबन्धन पर मलबा न उठाने का दबाव डालने लगा। इस पर कम्पनी प्रबन्धन ने मलबे का उठान करना बंद कर दिया।
जिसे लेकर फिर से वाल्मीकि समाज के लोगों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने कम्पनी प्रबन्धन के साथ ही उक्त जनप्रतिनिधि को निशाना बनाते हुए उनके खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और कहा कि यदि जल्द से जल्द इस मलबे को नहीं हटाया गया, तो वह धरना-प्रदर्शन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। वहीं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय निरीक्षक राजेन्द्र कठैत ने बातचीत में बताया कि उन्होंने कम्पनी प्रबन्धन को उक्त मलबा हटाने के निर्देश दे दिये हैं।