रुड़की।
साउथ सिविल लाइन कॉलोनी स्थित आर/4 गली में लगे बीएसएनएल के टॉवर से लोगों को उसके हाई रेडिएशन से खतरा बना हुआ है। इस टॉवर को हटाने की मांग को लेकर कॉलोनी अध्यक्ष के नेतृत्व में कॉलोनीवासियों ने विधायक प्रदीप बत्रा, एसड़ीएम, एएसडीएम व बीएसएनएल के उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया कि उनके द्वारा कॉलोनी में लगाये गए टॉवर के कारण कॉलोनी के लोग कई गंभीर बीमारियों से ग्रसित है, जो जनहित में ठीक नही है। लेकिन आज तक भी अधिकारियों ने इस प्रकरण में कोई संज्ञान नही लिया और न ही इस टॉवर को सुप्रीम कोर्ट की गाईड लाइन के अनुसार स्थानांतरित कराया। जो कॉलोनी के लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बनता है रहा है। यहां तक कि इस टॉवर पर अन्य कंपनियों के भी कनेक्शन तार डाले जा रहे है, जिसके चलते इस टॉवर से अत्यधिक खरतनाक रेडिएशन निकलने लगेंगे। पूर्व में भी कॉलोनी के लोगों ने रेडियेशन फ्रिक्वेंसी को कम करने की सहमति ओर ही टॉवर संचालन की सहमति दी थी। लेकिन टॉवर के अधिकारियों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। लेकिन मंगलवार को फिर एयरटेल कंपनी के दो कर्मी इस बीएसएनएल के टॉवर पर 4जी कनेक्शन के लिए तार डालने के लिए पहुंचे, जिसका स्थानीय लोगों ने पुरजोर विरोध किया। इस दौरान ओमवीर शर्मा ने बताया कि इस टॉवर की तेज रेडियेशन के कारण उनकी 9 वर्षीय पोत्री ब्लड कैंसर जैसे गंभीर रोग की चपेट में आ गयी, जिसका एक वर्ष तक उपचार कराया गया, लेकिन बाद में उसकी मृत्यु हो गयी। वहीं विजय शर्मा ने बताया कि टॉवर की रेडियेशन हाई होने के चलते अन्य कई लोग भी केंसर जैसी बीमारी से पीड़ित है। वहीं दीपक अहलूवालिया ने कहा कि यदि बीएसएनएल के अधिकारी उनकी बात नही मानते, तो वह इस टॉवर को चलने नही देंगे और इस टॉवर के हटने तक लगातार विरोध जारी रहेगा, जो सुप्रीमकोर्ट की गाइडलाईन का भी उल्लंघन है।
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