देहरादून : त्रिवेंद्र सरकार पहले दिन से ही यह दावा कर रही है कि उनकी सरकार में जीरो टॉलरेंस की नीति है। इतना ही नहीं त्रिवेंद्र सरकार लगातार यह भी कहती रही कि उनकी सरकार ने उत्तराखंड की दशा और दिशा बदल दी है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभूतपूर्व काम हुए। हर गांव सड़क से जुड़ने जा रहा है। भ्रष्टाचार पूरी तरह समाप्त हो गया। लेकिन, कैग की जो रिपोर्ट सामने आई है। उसने सरकार के हर दावे की धज्जियां उड़ा दी। कैग रिपोर्ट में कई ऐसे खुलासे हुए हैं, जिन खुलासों में सरकार की एक एक नीति और दावों को सिरे से खारिज कर, पूरी पोल खोलकर रख दी।
ऐसा ही खुलासा सड़क निर्माण को लेकर हुआ। कैग रिपोर्ट की मानें तो 263 किलोमीटर की खुली नेपाल सीमा में 173 किमी सड़क का निर्माण प्रस्तावित था। लेकिन सड़क की लंबाई केवल 135 किमी ही रखी गई। सरकार के दोवों के विपरीत इससे राज्य को करोड़ों की चपत लगी।
यहां तक की सड़क की डीपीआर ही गलत बना दी गई थी और विभाग ने उसे वैसे ही पास कर दिया। बड़ी बात यह है कि फाइल भी बगैर विभागीय मंत्री के पास नहीं हुई होगी, फिर इसके लिए केवल सिस्टम ही जिम्मेदार क्यों है ? सरकार की जिम्मेदारी भी तय होनी चाहिए। बड़ी बात यह है कि लोनिवि सीएम त्रिवेंद्र ही संभाल रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि लोनिवि ने संबंधित ठेकेदार को यह बात बताई ही नहीं कि सड़क किस जगह से होकर गुजरनी है। इस लापरवाही की वजह से सरकार को करीब 1.92 कारोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सड़क निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने करीब 209 करोड़ रुपये दिए थे। इनमें से 8 साल में सिर्फ 73 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाए। कैग रिपोर्ट में सड़क की डीपीआर को पूरी तरह गलत बताया गया है। कहा है कि 12 किमी लंबी सड़क का निर्माण नियमों की धज्जियां उड़ाकर किया गया।
सड़क निर्माण के दौरान काटे जाने वाले पेड़ों के निस्तारण के लिए वन विभाग से समय पर अनुमति भी नहीं ली गई। रिपोर्ट के अनुसार निर्माण कार्य की गुणवत्ता के प्रति भी लापरवाही बरती गई। इसकी निगरानी के लिए थर्ड पार्टी ऑडिट का सहारा नहीं लिया गया और 9.21 करोड़ रुपये अन्य कार्यों में खर्च किए गए।विधायक ने की थी धांधली की शिकायत, अब सच हुई साबितआपको बता दें कि टनकपुर-जौलजीबी मोटर मार्ग निर्माण में धांधली की शिकायत लोहाघाट के विधायक पूरन सिंह फत्र्याल ने शुुरुआत में ही की थी।
उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच न कराने का आरोप भी लगाया था और अपनी ही सरकार के खिलाफ सदन में काम रोको प्रस्ताव भी ला चुके हैं। विधायक फत्र्याल अभी भी इस मामले को लेकर अपनी सरकार की कार्यप्रणाली से संतुष्ट नहीं हैं। अब उनका कहना है कि उन्होंने जो आरोप लगाए थे वो सही साबित हुए। कहा कि कैग में इसका खुलासा हुआ जिसका वो विरोध करते आ रहे हैं।
उन्होंने मामले की सीबीआई जांच करने की मांग की है। कहा कि कैग की रिपोर्ट से यह भी लोगों के सामने आ गया है कि उन्होंने संबंधित विभाग और ठेकेदार के खिलाफ जो आरोप लगाए वह न तो मन गढंत थे और न ही उनमें कोई द्वैष की भावना थी।