रुड़की। ( आयुष गुप्ता )
प्रसिद्ध साहित्यकार और शिक्षाविद डॉ. योगेन्द्रनाथ शर्मा ‘अरुण’ के निधन पर एक होटल में शोक सभा हुई, जिसमें पूर्व केंद्रीय शिक्षामंत्री और साहित्यकार डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि डॉ. अरुण केवल एक साहित्यकार ही नही थे, बल्कि वे एक युगदृष्टा भी थे, उनकी वाणी में ओज, लेखनी में कालजयी दर्शन और बिचारों में युगों को दिशा देने की क्षमता थी। उन्होने कहा कि डॉ. अरुण के रूप में हमने केवल एक साहित्यकार को नही अपितु भारतीय सांस्कृतिक, साहित्यिक और आध्यात्मिक स्तम्भ को खो दिया है। डॉ. निशंक ने कहा कि मैने उन्हे अपने गुरु के रूप में स्थान दिया, उनकी सक्रियता और रचनाधर्मिता से मैं सदैव प्रभावित रहा। उनके निधन से साहित्यिक जगत को एक अपूरणीय क्षति हुई है, साथ ही मेरी व्यक्तिगत क्षति भी हुयी है। डॉ. निशंक ने कहा कि अरुण जी के नाम पर रुड़की के एक मार्ग का नाम रखने हेतु शासन को प्रस्ताव दिया जाएगा। शोक सभा में भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. मधु सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष शोभाराम प्रजापति, पार्षद नवनीत शर्मा, पार्षद डॉ. अनुराग त्यागी, पूर्व चेयरमैन भीम सिंह, पूर्व पार्षद विवेक कुमार, एडवोकेट राम गोपाल शर्मा, प्रदीप मोहन, देवी सिहं राणा, संजीव त्यागी, सुमित अग्रवाल, कुलदीप त्यागी, अनुराग प्रजापति, कविंद्र चौधरी, अवनीश शर्मा, संदीप रघुवंशी, संदीप पंवार, बृजमोहन सैनी, धर्मवीर शर्मा, सतीश सैनी, मनोज कुमार सहित नगर के अनेक प्रतिष्ठित साहित्यकार एवं गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। शोक सभा के अन्त में दो मिनट का मौन रखकर उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित की गई। शोक सभा का संचालन एडवोकेट अरविन्द गौतम ने किया। इससे पूर्व डॉ. निशंक उनके न्यू नेहरू नगर स्थित आवास पर पहुंचे और उनको श्रद्धांजलि अर्पित की तथा परिजनों को धैर्य बंधाया। तत्पश्चात डॉ. निशंक उनकी अंतिम यात्रा में भी शामिल हुए।
