रुड़की। ( आयुष गुप्ता )
रुड़की शहर में चिकित्सा प्रणाली पर आए दिन सवाल उठ रहे है, चिकित्सकों पर लगातार आमजन मानस गलत ढंग व लापरवाही से उपचार करने का गंभीर आरोप लगा रहे है। ऐसा ही एक मामला गौशाला चावमंडी के निकट एक अस्पताल का सामने आया, जहां पर मानकपुर गांव के दर्जनों लोगों ने गंगनहर कोतवाली क्षेत्रांतर्गत चावमंडी स्थित जगन्नाथ हॉस्पिटल के चिकित्सकों पर एक युवक के उपचार में लापरवाही बरतने का गंभीर आरोप लगाया ओर हॉस्पिटल के बाहर धरने पर बैठ गए। बाद में पुलिस मौके पर पहुंची और परिजनों को शांत कराया।


गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के चावमंडी स्थित जगन्नाथ हॉस्पिटल के बाहर आज मानकपुर गांव के लोगों ने धरना शुरू कर दिया। गांव निवासी धर्मपाल ने बताया कि 26 अक्टूबर को उसका भतीजा सोनू कुमार (28) पुत्र स्व. जल सिंह जहाजगढ़ के पास हुई सड़क दुर्घटना में घायल हो गया था, जिसके कारण उसके पैर में गंभीर चोट आ गई, इसके बाद परिजनों ने घायल सोनू को जगन्नाथ हॉस्पिटल रुड़की में भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों ने घायल का उपचार शुरू किया, तो वहीं पांच लाख से अधिक की राशि भी जमा कराई, इसके बाद चिकित्सक द्वारा घायल सोनू का उपचार शुरू कर दिया गया, लेकिन उपचार के दौरान सोनू की तबियत सुधार की बजाय बिगड़ने लगी, जिसके बाद परिजनों ने चिकित्सक से पूछा कि, मरीज के पैर में पस पड़ रही है, तो डॉक्टर ने कहा कि मैं डॉक्टर हूं, मुझे मत बताओ क्या करना है, क्या नहीं। इसके बाद चिकित्सक ने उन्हें मरीज को कही ओर ले जाने की बात कही, जब वह दूसरी जगह उपचार कराने के लिए गए, तो वहां डॉक्टरों ने हालत गंभीर बताते हुए मरीज के पैर में सेप्टिक होने का हवाला देते हुए पैर काटने का सुझाव दिया, जिसके बाद परिजनों ने अन्य चारा न देखते हुए चिकित्सक के निर्णय को मान लिया, जिसके बाद चिकित्सक ने मरीज के पैर को काट दिया, अब मरीज सोनू अपना जीवन यापन कैसे करेगा, यह समस्या परिवार पर आन पड़ी है, आज मरीज सोनू परिजनों व ग्रामीणों के साथ जगन्नाथ हॉस्पिटल में पहुंचा, तथा धरना प्रदर्शन किया। सोनू व उसके परिजनों ने आरोप लगाए कि हॉस्पिटल ने मरीज के उपचार में लापरवाही बरती, जिसकी तहरीर उन्होंने गंगनहर पुलिस को दी, लेकिन पुलिस ने उनकी रिपोर्ट पर कोई संज्ञान नहीं लिया। साथ ही यह भी कहा कि आज जब वह हॉस्पिटल पहुंचे, तो तुरंत पुलिस अस्पताल की सुरक्षा के लिए आन खड़ी हुई। पुलिस भी पीड़ितों को न्याय नहीं दिलवा रही। वहीं सूचना पाकर एसएसआई प्रदीप कुमार पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे और परिजनों को समझा बुझाकर मामला शांत कराया। ओर कहा कि वह मानते है कि आप लोग पीड़ित हो, लेकिन आचार संहिता में भीड़ इकट्ठा करना अपराध है। इसलिए अपनी तहरीर पुलिस को देकर कानूनी कार्रवाई करें। वहीं एसएसआई प्रदीप कुमार ने बताया कि परिजनों व मरीज ने आज जगन्नाथ हॉस्पिटल के बाहर धरना दिया, जिन्हें समझा बुझाकर शांत कराया गया, तहरीर के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। वही डॉक्टर पारित अग्रवाल ने बताया कि मरीज सोनू उनके यहां भर्ती था, लेकिन उनकी गलती से मरीज का पैर नहीं कटा। उनके यहां कोई लापरवाही नहीं बरती गई। जबकि मरीज के पैर कटने तक की नौबत क्यों आई, यह डॉक्टर नहीं बता पाए।

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