रुड़की। ( आयुष गुप्ता )
अब कलियर के दरगाह प्रबंधक सरकारी गाड़ी में सफर करेंगे। इसके लिए बकायदा अखबार में टेंडर प्रक्रिया की निविदा निकाली गई है। दरगाह प्रबंधन के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी प्रबंधक ने सरकारी गाड़ी रखने की ख्वाईश की है।
कलियर में दरगाह प्रबंधक पद के लिए किसी भी सरकारी कर्मचारी को अतिरिक्त प्रभार के रूप में नियुक्ति दी जाती है। वर्तमान में भाजपा नेता बहरोज आलम की पत्नि व शिक्षिका रजिया प्रबंधक के रूप में तैनात हैं। पदभार ग्रहण के बाद से ही पर प्रबंधक रजिया का कार्यकाल विवादों में चलनरहा है। चाहें दरगाह क्षेत्र में पोस्टर लगवाने का मामला हो या फिर अपने कार्य क्षेत्र से बाहर जाकर कार्य करने का, जिसके लिए जेएम ने उन्हें नोटिस भी जारी किया था। इसके साथ ही दुकान आवंटन में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए लोग इसकी शिकायत भी जिलाधिकारी समेत अन्य अधिकारियों तक कर चुके हैं। अब एक बार फिर से दरगाह प्रबंधक चर्चाओं में हैं। दरअसल अब उन्होंने दरगाह प्रबंधक कार्यालय के लिए एक गाड़ी किराए पर लेने के लिए टेंडर निकाला है। जिसकी अनुमानित लागत प्रतिवर्ष करीब चार लाख अठानवे हजार रुपए बताई गई हैं। अब बड़ी बात यह है कि दरगाह कार्यालय का कार्य क्षेत्र सीमित है और शायद ही महीने में एक या दो चक्कर उनके रुड़की या हरिद्वार में लगते होंगे। ऐसी स्थिति में दरगाह पर करीब पांच लाख रुपए का सालाना आर्थिक बोझ डालना कहां तक उचित है। यह सवाल रह-रहकर उठ रहा है।
बड़ा सवाल यह भी है कि कुछ दिन पूर्व जेएम ने एक नोटिस भी जारी किया था कि दरगाह प्रबंधक बिना उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाये स्वतः ही सभी कार्यो का निष्पादन व पत्राचार किया जा रहा है, जिसके जवाब में भी दरगाह प्रबंधक ने कोई जवाब नही दिया। अब यह निविदा उच्च अधिकारियों के निर्देशन में निकाली गई है या नही, यह भी बड़ा सवाल है।