भगवानपुर। ( बबलू सैनी )
भ्रष्टाचार को लेकर जहां आम जनता त्रस्त है, वहीं आज भगवानपुर तहसील के अधिवक्ताओं ने भी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद की है।
भगवानपुर तहसील प्रांगण में पत्रकारों से वार्ता करते हुए अधिवक्ता अनुभव ने तहसील में हो रहे भ्रस्टाचार, रिश्वतखोरी, व कार्यों की अनियमितता को लेकर स्थानीय प्रशासन को कठघरे में खड़ा किया। बताया कि आय दिन आम जन के कार्यों को लेकर तहसील कर्मचारियो, पटवारी, रजिस्ट्रार कानूनगो से मिलना होता है, लेकिन उपरोक्त कर्मचारी छोटे-छोटे कार्यों के लिए रिश्वत मांगते हैं, यदि रिश्वत न दे तो वह कार्यों को जान बुझकर उलझा देते है और वादकारी को डराते एवं धमकाते है। भगवानपुर तहसील में तैनात पटवारी अजय कपिल मृतको के आश्रितो को खाता खतौनी में विरासत के रूप में दर्ज करने के लिए 10-10 हजार रूपये की मांग करते है और यदि न दे तो डराने एवं धमकाने का कार्य करते है। महिला पटवारी मोनू दाखिल खारिज की पत्रावलियो पर गलत रिपोर्ट लगाने की धमकी वादकारियो को देती है और उन्हें ब्लेकमेल करती है, जो महिला पटवारी तहसील भगवानपुर में कार्यरत है, वह बहुत ही अव्यवहारी है जिनमें मुख्यतः मोनिका सैनी, रेखा भी शामिल है और तहसील में कार्यरत रजिस्ट्रार कानूनगो अमरीश शर्मा अधिक रिश्वत वसूलने के लिए जान बुझकर लंबे समय तक दाखिल खारिज की फाईलो को लम्बित करते है। यदि रिश्वत न दे तो फाईलो को खारिज कर दाखिल दफ्तर कर दिया जाता है। जिससे वादकारियो को बहुत ही परेशानी होती है। प्रेसवार्ता में एडवोकेट विष्णुदत्त, अनिल सैनी, संजीव सैनी, सजीव वर्मा, जितेन्द्र सैनी, सचिन चौधरी, नरपाल आर्य, अमित शर्मा व राजेन्द्र सैनी आदि मौजूद रहे।