हरिद्वार। ( आयुष गुप्ता )
केंद्र सरकार देश के गरीब और कमजोर आय वर्ग के लोगों के लिए कई तरह की सोशल स्कीम लेकर आती रहती है। उन्हीं में से एक योजना का नाम है। प्रधानमंत्री आवास योजना। इसके जरिए सरकार गरीब वर्ग के लोगों को सरकार रहने के लिए मकान और फ्लैट आवंटित करती है। पीएम आवास योजना के तहत दुर्बल आय वर्ग के लिए रोशनाबाद स्थित नवोदय नगर में 580 आवास बने हैं। प्रति आवास की कीमत 4.50 लाख रूपये है। अब प्राधिकरण द्वारा लॉटरी प्रक्रिया के तहत आवास अलाट प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो रहे। लोगों ने सूची में शामिल लोगों पर सन्देह जताते हुए विभागीय अधिकारियों पर सांठ-गांठ का अरोप लगाते हुए मामले में जांच की मांग की हैं। अब अलाट आवास के फार्म पर लाभार्थी को शुरूआत में 1 लाख 12 हजार रुपये एक माह के भीतर देने होंगे। दूसरे माह में 2 लाख लगभग जमा कराने होंगे। बाकी किस्त में देने होंगे। ऐसे में उनके आगे सबसे बड़ा सवाल हैं कि जिसकी आय ही मात्र 11 हजार रुपए मासिक हैं वह व्यक्ति बाकी रकम कहां से लाएगा और कौन बैंक उसे लोन देगा। हाल ही ऋषिकुल सभागार में प्राधिकरण ने इस योजना के तहत पंजीकरण कराने वालों की लॉटरी द्वारा आवास अलाट की प्रक्रिया पूरी की थी। जिसके बाद जिनके नाम आवास अलाट हुए हैं, उनकी सूची प्राधिकरण परिसर में बोर्ड पर लगाई है। पीएम आवास योजना में आवेदन करने वाले रोजाना अपना नाम सूची में खंगालने के लिए पहुंच रहे हैं। उन्हीं में से कुछ लोगों ने प्राधिकरण अधिकारियों पर सांठ-गांठ से अपात्रों को भी योजना का लाभ देने का आरोप लगाया हैं। उनका आरोप हैं कि सूची में पात्रों के साथ-साथ अपत्रों के नाम भी शामिल नाम हैं। महिलाओं के पतियों के नाम पर या परिवार के नाम पर कितनी संपत्ति हैं इस पर किस अधिकारी ने जांच की, जिसकी जांच अधिकारियों द्वारा की जानी चाहिए थी। उन्होंने दावा किया कि सूची में ऐसे कई नाम हैं जो संदिग्ध हैं। आवास योजना को पारदर्शितापूर्ण तरीके से लागू नहीं किया गया हैं। मामले में जांच होनी चाहिए तथा जांचोपरांत ही आवास आंवटन की प्रक्रिया पूर्ण किया जाना चाहिए। वहीं सूत्रों कि मानें तो जानकारी लेने कार्यालय पहुंच रहे लोगों की प्राधिकरण कर्मियों से रोजना तू-तू मैं-मैं हो रही हैं।