रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों व शहीदों के सम्मान तथा अपने अस्तित्व की रक्षा के लिए संघर्षरत स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति ने अपने सहयोगी 37 संगठनों के साथ आज देश के प्रत्येक जिले से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के स्मारकों तथा शहीद स्थलों से पावन रज संग्रहीत करने के रचनात्मक अभियान की शुरुआत की। जनपद हरिद्वार में राजा विजय सिंह व सेनापति कल्याण सिंह के बलिदान स्थल कुंजा बहादुरपुर व 152 क्रांतिकारियों के शहीद स्थल सुनहरा वट वृक्ष से पावन रज संग्रहीत की गई। स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी ने बताया कि अपने पूर्वज स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों तथा शहीदों को यथोचित सम्मान दिलाने के उद्देश्य से सरकार से मांग की गई है कि वह दिल्ली में पुराने संसद भवन को अब राष्ट्रीय स्वतंत्रता सेनानी मेमोरियल घोषित करंे, जिसमें देशभर के स्वतंत्रता सेनानियों व शहीदों के इतिहास को संरक्षित किया जा सके। रघुवंशी ने बताया कि देश मंे जो भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मारक या शहीद स्मारक बने हुए हैं, उनकी पावन रज डिब्बों में भरकर एकत्रित की जा रही है, उन स्मारकों के चित्र तथा स्मारकों में अंकित स्वतंत्रता सेनानियों या शहीदों की नामावली भी ली जाएगी। इसके साथ ही उस जिले में जो भी स्वतंत्रता सेनानी या शहीद परिवार हैं, उनके घरों में जाकर स्वतंत्रता सेनानियों के पदरज, स्वतंत्रता सेनानी परिचय, उनके परिवारों का विवरण तथा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का चित्र भी एकत्रित किया जाएगा, जिन्हें जिला मुख्यालयों में संग्रहीत किया जाएगा। जिसके आधार पर जिलेवार स्मारिकाओं व पुस्तकों का प्रकाशन होगा। सरकार से अनुरोध किया जाएगा कि वह स्वतंत्रता सेनानियों एवं शहीदों के इतिहास को पुराने संसद भवन में सम्मान पूर्वक स्थापित करें। संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार सैनी ने बताया कि इस पावन रज संग्रह अभियान को पूर्णता तक पहुंचाने के लिए सहयोगी संगठनों के पदाधिकारियों से गहन चर्चा करके विभिन्न प्रांतों के पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए गए हैं, जो अपने प्रान्त के अलावा सौंपे गए प्रान्तों को भी गति प्रदान करेंगे। आवश्यकता पड़ने पर उस प्रान्त की यात्रा भी करेंगे। अमर शहीद जगदीश प्रसाद वत्स के भांजे वरिष्ठ पत्रकार श्रीगोपाल नारसन ने बताया कि कोरोना महामारी का जो विषधर दिखाई देने लगा है, उससे सावधानी बरतते हुए सरकार द्वारा निर्धारित मानकों का पालन करते हुए ही हमें यह पुनीत कार्य करना है, ताकि अपने आप को सुरक्षित रखते हुए अपने पूर्वजों का सम्मान और अपने अस्तित्व की रक्षा करने में सफलता प्राप्त कर सकें। संगठन के अध्यक्ष देशबन्धु ने प्रत्येक राज्य के पर्यवेक्षकों की घोषणा की, इनमें उत्तर प्रदेश जितेन्द्र रघुवंशी, अप्पासाहेब शिंदे, अशोक सोनी निडर, महाराष्ट्र कपूर सिंह दलाल, सुनील गुजराती, कृष्णेन्द्र प्रताप सिंह, मध्य प्रदेश राजेश सिंह, शक्ति सिंह, बिहार सूर्य प्रकाश पांडे, महन्थ प्रजापति, हिमाचल जम्मू-कश्मीर- गुरिंदर पाल सिंह, सुरेंद्र बुटोला, उड़ीसा अवधेश पंत, बसंत कुमार दास, छत्तीसगढ़ अशोक सिंधु, राकेश चैरसिया, राजस्थान अजय सीतलानी, संजय चैबे, तमिलनाडु द्विजेंद्र शर्मा, कमल चंद्र लहकर, उत्तराखंड, रमेश कुमार मिश्रा, सुरेश चंद्र बबेले, झारखंड मुरली मनोहर खंडेलवाल, अशोक रायचा, असम बी. रविंद्र गुप्ता, रामचंद्र पिल्दे, तेलंगाना एम.एस. रामानुजम, षणमुगसुंदरम, गुजरात अवधेश सिंह, अनिल त्रिपाठी, धर्मेन्द्र पाठक, हरियाणा कमलेश पांडे, दुष्यन्त पयासी, पंजाब मुन्ना लाल कश्यप, इशरत उल्ला खान, दिल्ली राम महेश मिश्रा, शत्रुघ्न पाठक, कर्नाटक, केरल, गोवा नित्यानंद शर्मा, प. बंगाल विमलेश पाण्डेय, पं मधुसूदन झा शामिल है। इस अवसर पर वीरेंद्र लोध, नवीन शरण निश्चल, अनूप बंसल आदि मौजूद रहे।