बुग्गावाला। ( आयुष गुप्ता ) बुग्गावाला क्षेत्र के बुधवाशहीद गांव के पास जंगल में रहने वाले वन गुर्जर इमरान और सुलेमान के परिवार के चार बच्चे शब्बो (6), सोफिया (6), बशीर (5) और आसिफा (6) ने पनवाड़ की फली खा ली थी। जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई। आनन-फानन में परिजन बच्चों को पास के ही एक नर्सिंग होम में उपचार के लिए ले गये थे, जहां शुक्रवार को ही उपचार के दौरान सब्बो पुत्री सुलेमान की मौत हो गई थी। अगले दिन शनिवार की सुबह सोफिया की भी मौत हो गई थी। परिजनों ने बशीर को ऋषिकेश एम्स और आसिफा को देहरादून के एक अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां रविवार सुबह बशीर की भी मौत हो गई थी। जबकि सोमवार को आसिफा की भी मौत हो गई। चारों बच्चों की मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है। जिसके बाद परिजनों ने गमगीन माहौल में बच्चों का अंतिम संस्कार कर दिया।
ज्ञात रहे कि बुग्गावाला क्षेत्र के बुधवाशहीद के निकट खानपुर रेंज के जंगल सीपिया में रह रहे वन गुर्जरों के बच्चों ने 4 दिन पूर्व पनवाड़ की जहरीली पली खाई थी। उसके बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ने लगी, तबीयत बिगड़ने पर वन गुर्जर परिवार के लोग बच्चों को उपचार के लिए डाॅक्टर के पास लेकर गए। वहां डाॅक्टर ने उन्हें बताया कि बच्चों ने जंगली पनवाड़ की फली मात्रा से अधिक खाई हुई है। जिसकी वजह से इसका जहर बनने पर इसकी तबीयत बिगड़ गई। वन गुर्जर इमरान ने बताया कि उनके पास जनप्रतिनिधि से लेकर प्रशासनिक अधिकारी सभी आ रहे है, मगर पनवाड़ के लिए कोई इंतजाम नही किये गये। उन्होंने बताया कि डेरो के आसपास पनवाड़ के पौधे अधिक मात्रा में खड़े हुए हैं, जिनको जलाकर खत्म करना मुश्किल है, उन्होंने वन विभाग से इन पौधे को नष्ट करने की मांग की।