रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) भाकियू क्रांति (अ) के राष्ट्रीय विकास सैनी के नेतृत्व में आज किसानों ने गणेशपुर स्थित सहकारी समिति के कार्यालय का घेराव किया। इस दौरान उन्होंने समिति सचिव को एक ज्ञापन भी सौंपा, जिसमें उन्होंने विभिन्न मांगों को पूरा करने की मांग की। उन्होंने कहा कि सचिव गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग शासन के कार्यालय के पत्रांक 1/32668/2022 तिथि 4 मई 2022 के क्रम में एक गांव में एक चीनी मिल का केंद्र स्थापित करने हेतू निर्देशित किया गया, जबकि चीनी मिल इकबालपुर पर पेराई सत्र 2017-2018 व 2018-2019 का लगभग 100 करोड़ रुपये बकाया हैं। किसानों द्वारा मांग की जा रही है कि पिछले दो वर्षों का पूर्ण भुगतान होने तक क्रय केंद्रों की यथास्थिति बनी रहे, क्रय केंद्रों पर छेड़छाड़ से किसान को भारी नुकसान व परेशानी हो रही हैं। साथ ही कहा कि मिल द्वारा 300 कुंतल निर्धारित कर पर्चियां छोटे-बड़े सभी किसानों को एक समान कर मिल चलते ही भेजी जाये। कम गन्ना उत्पादक किसान व कम जमीन वाले किसानों को गन्ना मिल की अव्यवस्था के कारण भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा हैं। मिल कर्मचारी कामदार की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि खेतों में जाकर देखें कि किस किसान के पास कितना गन्ना हैं, छोटे किसान को बाद तक न लटकाया जाये, गन्ना किसान की मुख्य फसल हैं, किसान अपनी फसल औने-पौने दामों में बैचने के लिए मजबूर हैं, लेकिन राज्य सरकार द्वारा अभी तक गन्ना मूल्य घोषित नहीं किया गया। पिछले वर्ष गन्ना मूल्य 350 व 355 था, महंगाई को देखते हुए किसान का गन्ना मूल्य 100 रुपये बढ़कर 450-455 किया जाये, शुगर मिलों के अंदर किसानों के लिए स्वास्थ्य एवं पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराई जाये तथा उनके बैठने व खाने की सुविधा हो। सहकारी समितियों में तीन या चार प्रतिशत का ब्याज बताया जाता हैं, जबकि किसानों पर वह ब्याज साल में 22 प्रतिशत लगता हैं और ब्याज पर ब्याज लगाया जा रहा हैं, जो किसान फसल मरने पर प्रसन्न मूलधन देने में भी असमर्थ हें। ऐसे किसानों पर ब्याज पर ब्याज व 22 प्रतिशत ब्याज लगाना पूरी तरह उनका उत्पीड़न हैं, समितियों में ऐसे किसानों पर ब्याज माफ किये जाये, किसानों को जब भी डाई और यूरिया खाद की जरूरत होती हैं, तो उन्हें खाद तक नहीं मिल पाता। इस समस्या का हल कराया जाये। किसान को गन्ना मिल मंे गन्ना तोल के बाद खाली कांटा कराने के लिए लंबी लाईन मंे लगना पड़ता हैं, दूसरे कांटे की व्यवस्था की जाये, सरकार द्वारा किसान मजदूर एक्सीडेंटल बीमा 5 लाख रुपये का मुफ्त कराये जाने की मांग की, किसानों को सब्सिडी पर मिल रहे कृषि यंत्रों की प्रक्रिया में हुआ बदलाव अविलंब वापस हो, खतौनी के आधार पर ही किसान को कृषि यंत्र लेने का अधिकार दिया जाये, किसानों को 90 प्रतिशत सब्सिडी पर ही कृषि यंत्र उपलब्ध कराये जाये आदि मांगों को लेकर किसानों ने घेराव किया। साथ ही कहा कि यदि जल्द ही उक्त मांगों पर विचार नहीं किया गया, तो वह उग्र आन्दोलन करने को बाध्य होंगे।