रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) किसान मजदूर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष चै. पदम सिंह भाटी इकबालपुर मिल प्रबन्धन पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि मिल पर किसानों का गन्ना भुगतान चैथे वर्ष में प्रवेश कर गया हैं। इसके बाद भी मिल प्रबन्धन नींद से नहीं जागा। साथ ही कहा कि पिछले सत्र का गन्ना भुगतान करने का प्रबन्धन द्वारा वायदा किया गया था। जिसे वह पूरा नहीं कर पाये। उन्होंने कहा कि इस सत्र की पेराई 16 नवंबर से शुरू हुई थी, जबकि लगातार चीनी बेची जा रही हैं। ऐसे में इसका भुगतान कहां जा रहा हैं, यह जांच का विषय हैं। चै. पदम सिंह भाटी ने कहा कि इकबालपुर क्षेत्र का किसान बेहद तंगी के दौर से गुजर रहा हैं। यदि ऐसा ही चलता रहा, तो किसानों के पैसे के डूबने की भी आशंका प्रबल हो रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18, 2018-19 का भी भारी भरकम गन्ना भुगतान मिल पर बकाया चल रहा हैं तथा प्रबन्धन तंत्र भुगतान को लेकर कतई गंभीर नजर नहीं आता। उन्होंने कहा कि गलत प्रबन्धन की वजह से मिल की हालत बद से बदत्तर हो रही हैं। गन्ना इस क्षेत्र के किसानों की प्रमुख व नगदी फसल हैं और इसी के सहारे किसान अपना जीवन-यापन करता हैं। मिल द्वारा किसानों का लगातार भुगतान रोकना अलग ही कहानी बयां कर रहा हैं। इस वर्ष का एसक्रो खाता भी नहीं खुल पाया। ऐसे में भुगतान अटकने की संभावना बन रही है। उन्होनंे साफ कहा कि यदि मिल प्रबन्धन जल्द गन्ने का भुगतान नहीं करता, तो उनका संगठन धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य होगा। किसान की पीड़ा उनसे देखी नहीं जाती। क्षेत्र के अनेक किसान रोजाना उनके कार्यालय में आकर अपना दर्द सुनाते हैं। वहीं मिल प्रबन्धन अपनी मौज-मस्ती में लगा हुआ हैं। चै. पदम सिंह भाटी ने कहा कि शासन-प्रशासन भी किसानों का सहयोग नहीं कर रहा हैं और मिल पर किसी का दबाव नहीं हैं। यही कारण है कि गन्ना भुगतान में लगातार लापरवाही की जा रही हैं, जिसे क्षेत्र का किसान कतई सहन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही मिल प्रबन्धन से मिलकर भुगतान के मुद्दे को उठायेंगे। यदि इसमें आना-कानी की, तो उसका जिम्मेदार स्वयं मिल प्रबन्धन होगा।