रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) श्री भवानी शंकर आश्रम रुडकी में 21 से 27 नवंबर तक शिव महापुराण कथा, रुद्राभिषेक और दैनिक यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। आज शिव महापुराण कथा कहते हुए श्री श्री 1008 महा मंडलेश्वर स्वामी हेमानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि शिव महापुराण कथा भूतभावन भगवन विश्वनाथ की अनेक लीलाओं और अवतारों की कथा है। शिव महापुराण में सात संहिताएं हैं और चैबीस हजार श्लोक हैं और चार सौ सत्ताईस अध्याय हैं। शिव महापुराण की कथा भगवान् शंकर के अद्द्भुत स्वरुप का वर्णन करती है और भक्तें का मन संसार से हटा के भगवान् में लगाती है। ज्ञान और वैराग्य का साक्षात् दर्शन शिव महापुराण से होता है। जो व्यक्ति अपना मन संसार से हटाके भगवान् में लगाना चाहते हैं। उन्हें शिव महापुराण की कथा अवश्य सुननी चाहिए। जीव को संसार से हटाकर भगवान् में लीं करने का एक बहुत सुन्दर उपाय है शिव महापुराण। शिव जीव का कल्याण चाहते हैं, शिव स्वयं जीव के कल्याण स्वरुप हैं और जीव के कल्याण का मार्ग शिव महापुराण बहुत मनभावन तरीके से बताता है।
बता दें कि श्री भवानी शंकर आश्रम रुडकी में शिव महापुराण कथा, रुद्राभिषेक और दैनिक यज्ञ का आयोजन 21 नवंबर से 27 नवंबर कर किया जा रहा है। 21 नवंबर से शिव महापुराण कथा रोजाना दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक श्री श्री 1008 महा मंडलेश्वर स्वामी हेमानंद सरस्वती महाराज द्वारा कही जाएगी। 27 नवंबर को दोपहर 12 बजे पूर्णाहुति यज्ञ एवं भंडारा प्रसाद का आयोजन किया जायेगा। यह आयोजन महंत रीमा गिरी और महंत त्रिवेणी गिरी के पर्यवेक्षण में हो रहा है। विशेष सानिध्य साध्वी डाॅ. निर्मला गिरी और श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर स्वामी मैत्रेयी गिरी महाराज का रहेगा।

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