रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) अब क्रिमनल और सिविल मामलों की सुनवाई और फैसले रुड़की में ही सुने जायेंगे। पहले यह मामले जिला कोर्ट हरिद्वार में सुने जाते थे। चीफ जस्टिस ने इसकी सुनवाई का अधिकार एडीजी को दे दिया हैं। इस फैसले के बाद रुड़की में अधिवक्ताओं ने खुशी मनाई और पदाधिकारियों का फूल-मालाओं से जोरदार स्वागत किया तथा चीफ जस्टिस का आभार जताया।
रुड़की रामनगर कोर्ट परिसर में आयोजित पत्रकार वार्ता में रुड़की एडवोकेट एसेसिएशन के अध्यक्ष विपुल वालिया ने कहा कि 2011 से 2018 तक जिला कैम्प कोर्ट लगता था। जिसमें रुड़की क्षेत्र के मामलों की सुनवाई जिला जज करते थे लेकिन वह 2018 में बंद हो गया, तो अधिवक्ताओं और वादकारियों को हरिद्वार जाना पड़ता था। इससे उनके समय और धन की बर्बादी होती थी। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा फिर से कैम्प कोर्ट रुड़की में लगाये जाने की मांग चीफ जस्टिस उत्तराखण्ड से की गई थी। रुड़की एडवोकेट्स एसोसिएशन द्वारा की गई इस मांग का लाभ पूरे प्रदेश को मिलता। अब चीफ जस्टिस ने पूरे उत्तराखण्ड की तहसीलों मंे बैठने वाले सीनियर एडीजी को यह अधिकार दे दिया है कि वह जिला स्तर पर होने वाले क्रिमनल और सिविल मामलों की सुनवाई और फैसले अपनी ही कोर्ट में कर सकेंगे। बताया कि इस फैसले के बाद वादकारियों और अधिवक्ताओं को हरिद्वार जाने से राहत मिलेगी और उनके समय के साथ पैसों की भी बचत होगी। बताया कि रुड़की के करीब साढ़े तीन हजार मामले हरिद्वार कोर्ट में चल रहे हैं, जो कि अब रुड़की में ही ट्रांसफर हो जायेंगे। यह फैसला आने के बाद अधिवक्ताओं ने एसोसिएशन के पदाधिकारियों का फूल-मालाओं से जोरदार स्वागत किया। इस अवसर पर उपाध्यक्ष सुधीर तोमर, कोषाध्यक्ष ममता अग्रवाल, आॅडिटर अन्नू सैनी, अजय कुमार रोहिल्ला, अनुज कपिल, राजकुमार सैनी, सुनील शर्मा, अमित शर्मा, जावेद अख्तर, सुशील थपलियाल, गौरव चैधरी, योगेश, घनश्याम दास, अजय चैधरी, राहुल चैधरी, रविन्द्र चैधरी, रविन्द्र पंवार, रितेश पंवार, सीमा चैधरी, विजय कुमार, चैधरी सतपाल, मनोज शर्मा, श्याम सुंदर, दीप सिंह, शशि सैनी, नरेश चन्द्र आदि अधिवक्ता मौजूद रहे।