रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) इकबालपुर शुगर मिल क्षेत्र के किसानों की मांग को सरकार ने मान लिया और इकबालपुर मिल क्षेत्र में लिब्बरहेड़ी शुगर मिल के 17 कांटे लगाने का आदेश पारित कर दिया, जिससे किसान झूम उठे। वहीं इस आदेश से इकबालपुर शुगर मिल प्रबन्धन को तगड़ा झटका लगा हैं। इकबालपुर क्षेत्र के किसान डाॅ. रामपाल, डाॅ. सुरेश चैधरी, चन्दन त्यागी, मधुप त्यागी, सुबोध त्यागी, विजय त्यागी, लोकेन्द्र, पवन त्यागी, संजय त्यागी, समिति चेयरमैन सुंदर लाल सैनी, उपाध्यक्ष मुकेश चैधरी, अतुल त्यागी, प्रदीप त्यागी, संदीप कुमार, भुल्लन सिंह, श्रवण नंबरदार समेत सैकड़ों किसान हरिद्वार सांसद डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक से मिले थे तथा उन्हें बताया कि इकबालपुर शुगर मिल प्रबन्धन पर वर्ष 2017-18, 2018-19 व 2021-22 का भुगतान बकाया चल रहा हैं। जिसे मिल प्रबन्धन देने के लिए तैयार नहीं हैं। इस संबंध में पेराई सत्र से पहले कई बार किसान संगठन मिल प्रबन्धन से मिले थे और गन्ने का भुगतान कराने की मांग की थी। लेकिन अभी तक मिल द्वारा किसानों का भुगतान नहीं दिया गया और वर्तमान पेराई सत्र भी शुरू कर दिया गया। क्षेत्र के किसान इकबालपुर शुगर मिन को गन्ना नहीं देंगे तथा हमारे यहां अन्य मिल के क्रय केंद्र लगाये जायें। जिस पर सासंद डाॅ. निशंक द्वारा इस संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व गन्ना मंत्री सौरभ बहुगुणा से मुलाकात कर किसानों का मुद्दा रखा। जिसे देखते हुए गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग आयुक्त ने इकबालपुर क्षेत्र में 17 तोल कांटे लिब्बरहेड़ी शुगर मिल के लगाने के आदेश दिये। गन्ना आयुक्त ने आदेश में कहा कि लक्सर व लिब्बरहेड़ी शुगर मिल द्वारा किसानों का संपूर्ण भुगतान किया जा चुका हैं, जबकि इकबालपुर द्वारा गन्ना मूल्य भुगतान नहीं किया गया। इसी कारण इकबालपुर क्षेत्र के गन्ना किसान आक्रोशित हैं तथा क्षेत्रीय कृषकों, प्रतिनिधियों एवं जनप्रतिनिधियों द्वारा इकबालपुर के मिल गेट से ग्रामों को हटाकर अन्य चीनी मिल को आवंटित करने की मांग की गई। इस संबंध में तीनों चीनी मिलों के प्रधान, प्रबन्धक, सहायक गन्ना आयुक्त हरिद्वार, विभागीय सचिव की गन्ना मंत्री से वार्ता के बाद इन क्रय केंद्रों का आवंटन किया गया। साथ ही सहायक गन्ना आयुक्त को उक्त आदेश का पालन कराने के लिए आदेशित किया। इस पर सभी किसानों ने हरिद्वार सांसद डाॅ. निशंक का हृदय से आभार प्रकट किया और कहा कि उनके द्वारा जो यह आदेश पारित कराया गया हैं, किसानों के लिए बेहद हितकारी हैं। वह इकबालपुर मिल को किसी भी सूरत में गन्ना नहीं देंगे और जो मिल उनका भुगतान करेगी, उसे प्राथमकिता के साथ गन्ना देंगे। इस आदेश के बाद इकबालपुर शुगर मिल में हडकंप मचा हुआ हैं। मिल प्रबन्धन द्वारा 75 लाख कुंतल गन्ना पेराई का लक्ष्य रखा गया था। ऐसे में वह कैसे पूरा होगा? यह समस्या भी सामने आकर खड़ी हो गई है।