रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-एक रुड़की में बाल दिवस तथा राष्ट्रीय पुस्तकालय सप्ताह (14-20 नवम्बर) उद्घाटन समारोह धूमधाम से मनाया गया। सर्वप्रथम प्राचार्य चन्द्र शेखर बिष्ट ने पंडित जवाहर लाल नेहरु के चित्र पर पुष्पांजली अर्पित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया और विद्यार्थियों को बाल दिवस की शुभकामना देते हुए कहा कि बाल सुलभ मन तथा बाल सुलभ जिज्ञासा को हमें हमेशा अपने अन्दर जीवित रखना चाहिए। बाल दिवस के अवसर पर प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों के लिए फैंसी ड्रेस की प्रतियोगिता आयोजित की गयी, जिसमें सभी बच्चे रंग-बिरंगे पोशाकों में विद्यालय में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लिया। फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में नव्या (5ब) प्रथम, नक्षत्र (3स) द्वितीय तथा क्रिशिव (3ब) तृतीय स्थान पर रहे।
पुस्तकों में निहित ज्ञान की धरोहर को जीवित रखने और विद्यार्थियों में पुस्तकों के प्रति रुचि और प्रेम को बढाने के लिए राष्ट्रीय पुस्तकालय सप्ताह (14-20 नवम्बर) समारोह के तहत आज केवि-1 में पुस्तक मेले का आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन प्राचार्य चन्द्र शेखर बिष्ट ने किया। सभी विद्यार्थियों ने उत्साह से इस मेले में भाग लिया एवं पुस्तकों से सम्बंधित जानकारी प्राप्त की। रंग-बिरंगे चित्रों की कहानियों वाली पुस्तकों ने जहाँ प्राथमिक वर्ग के बच्चों को आकर्षित किया, वही साहस एवं विज्ञान की कहानियों ने माध्यमिक वर्ग के बच्चों को खूब लुभाया। हिंदी एवं अंग्रेजी साहित्य, इतिहास, आदिकी पुस्तको ने उच्च माध्यमिक बच्चों को उन्हें देखने एवं पढने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर प्राचार्य चन्द्र शेखर बिष्ट ने कहा कि व्यक्ति आते हैं और चले जाते हैं, परन्तु उनके श्रेष्ठ विचार, ज्ञान, उपदेश, संस्कृति, सभ्यता, मानवीय मूल्य पुस्तकों के रुप में जीवित रहते हैं। वे एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को प्राप्त होते रहते हैं। उदाहरण के लिए हमारे वेद, उपनिषद, रामायण, महाभारत, हमारा इतिहास सभी आज जीवित हैं, हमारे पास हैं। ये सभी ग्रंथ हजारों साल पहले रचे गये थे, परन्तु आज भी वे हमें प्रकाश और प्रेरणा दे रहे हैं। आज के इस युग में जहां जीवन-मूल्यों का ह्रास हो रहा है, चारों और नैतिक और सांस्कृतिक संकट के बादल छाये हुए हैं, अच्छी पुस्तकों का महत्व और भी बढ़ जाता है। ऐसे समय पर यह जरुरी हो जाता है कि हम पुस्तकों का प्रचार-प्रसार बढ़ायें, उनके अध्ययन में रूचि लें और उनसे अधिकाधिक लाभ उठायें। पुस्तकालयाध्यक्ष पूनम कुमारी ने बताया कि पुस्तकें अनमोल हैं। वे हमारी सबसे अच्छी मित्र हैं, क्योंकि वे ज्ञान-विज्ञान की भंडार हैं। पुस्तक मेले हमारे लिए वरदान हैं। यहाँ पाठकों और पुस्तकों का संगम होता हैं। पाठक अपनी रुचि, योग्यता और आवश्यकता के अनुसार पुस्तकों का चुनाव कर सकता हैं। ऐसे आयोजन का उद्येश्य विद्यार्थियों को पुस्तकों के प्रति आकर्षित करना है। इस अवसर पर पुस्तक प्रकाशक सतीश रावत, दिनेश चैहान तथा समस्त स्टाफ मौजूद रहा।
केंद्रीय विद्यालय-1 में धूमधाम से मनाया गया बाल दिवस ज़ प्राचार्य ने किया पुस्तकालय मेले का उद्घाटन
