रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) सरस्वती विद्या मन्दिर, रुड़की के तीनों भवनों क्रमशः माधव भवन, भगिनी निवेदिता भवन एवं केशव भवन में दीपों के त्यौहार दीपावली कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्यालय उपाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद कुलश्रेष्ठ, प्रबन्धक डाॅ. रजत अग्रवाल, मनमोहन शर्मा, इन्द्रराज सिंह गौतम, आदर्शवीर भारद्वाज, श्रीमती श्रद्धा शर्मा एवं विद्यालय प्रधानाचार्य अमरदीप सिंह, उप-प्रधानाचार्य मोहन सिंह मटियानी, उप-प्रधानाचार्य कलीराम भट्ट द्वारा माँ सरस्वती, माँ लक्ष्मी एवं श्रीगणेश के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस शुभ अवसर पर विद्यालय में यज्ञ हवन विवेक पाण्डेय द्वारा सम्पन्न कराया गया।


सांस्कृतिक कार्यक्रम में रामचन्द्र गीत श्रृंखला, नुक्कड नाटक, प्रदूषण मुक्त दीपावली, श्रीगणेश झांकी, लक्ष्मी झांकी, रामदरबार का सुन्दर प्रस्तुतीकरण किया गया। गणेश स्तुति एवं नृत्य (केशव भवन), लघु नाटिका (माधव भवन) और समूहगान (निवेदिता भवन) द्वारा प्रस्तुत किया गया। विद्यालय के कार्यक्रमों, प्रतियोगिताओं और दीप सज्जा इत्यादि में इको फ्रेन्डली दीपावली, प्रदूषण मुक्त वातावरण, देश में बने दीपकों तथा स्वदेशी उत्पादों आदि का प्रयोग करने का आहवान किया गया। विद्यालय के उपाध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद कुलश्रेष्ठ ने कहा कि धन, वैभव, यश के साथ दीपावली पर्व पर माॅ लक्ष्मी आपके सुख सम्पन्नता स्वास्थ्य में वृद्धि करंे और दीपों का यह त्यौहार सबके जीवन में प्रकाश और खुशियों की मिठास लायें। डाॅ0 रजत अग्रवाल (प्रबन्धक) ने कहा कि भगवान राम की आस्था एवं आदर्शों से जुडे इस त्यौहार पर हम अपने घर के साथ-साथ अपने आस-पास भी प्रकाश फैलाये और मानव सेवा को सर्वोपरि मानें। विद्यालय की आचार्या श्रीमती चेतना अग्रवाल ने कहा कि दीपावली प्रेम और सौहार्द का पर्व है। ये बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। विद्यालय के प्रधानाचार्य अमरदीप सिंह ने कहा कि जब 14 वर्ष का बनवास काटकर श्रीरामजी अयोध्या आये, तो उनके आने की खुशी में घी के दीपक जलाये गये थे। पटाखों के प्रदर्शन में हम दीपावली मनाने की मूल भावना जैसेः भवनांे की साफ-सफाई, अन्धेरे से प्रकाश की ओर एवं असत्य पर सत्य की जीत को कभी न भूलें। साथ ही अपने सभी त्यौहारों, उत्सवों व पर्वो में स्वदेशी उत्पादों का प्रयोग करें व कहा कि हिन्दू रीति-नीति व दर्शन को जाने, क्योंकि हिन्दु संस्कृति ही है जो नभ, जल, थल में रहने वाले सभी प्राणियों की चिन्ता करती है। अतः हमें यह त्यौहार सादगी व हर्षोल्लास से मनाना चाहिए। इस अवसर पर आशुतोष शर्मा, श्रीमती शमा अग्रवाल, जसवीर सिंह पुण्डीर सहित समस्त शिक्षक-शिक्षिकायें मौजूद रहे।

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