रुड़की।  ( आयुष गुप्ता ) राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसा के आधार पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद उत्तराखंड द्वारा विद्यालय से राज्य स्तर तक मातृभाषा उत्सव-2022 का आयोजन किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रुड़की में हरिद्वार के सभी विकास खंडों से चयनित विद्यार्थियों ने कौर बी एवं गढ़वाली भाषा में लोकगीत, लोककथा एवं लोक नाटक की प्रस्तुति दी। प्रत्येक विकास खंड से राजकीय विद्यालयों के कक्षा-3 से कक्षा-8 तक के चयनित छात्र, छात्रा अपने मार्गदर्शक शिक्षकों के साथ उपस्थित हुए। डायट प्राचार्य दिनेश लाल शाह द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर प्रकाश डालते हुए इन कार्यक्रमों का उद्देश्य सफल करने के लिए मातृ भाषा प्रयोग करने पर बल दिया। बच्चे की माता की तरह मातृभाषा में उतनी ही आवश्यक है। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सरस्वती पुंडीर ने कहा कि भारतीय संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए मातृभाषा, क्षेत्रीय भाषा को बढ़ावा देने की शिक्षा नीति की पहल सराहनीय कार्य है। क्योंकि बच्चे मातृभाषा में जल्दी सीखते एवं व्यक्त करते हैं। मातृभाषा से ही हमारे व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास होता है। निर्णायक मंडल में लोक भाषाओं के विज्ञ, साहित्यकार, समाजसेवी डॉ. गोपाल नारसन, राकेश त्यागी एवं बृजमोहन सैनी द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतियों का चयन किया गया। जो राज्य स्तरीय मातृभाषा उत्सव में प्रतिभाग करेंगे। गढ़वाली में राजकीय कन्या इंटर कॉलेज ज्वालापुर की संजना, वर्षा, प्रियंका, श्रेया ने नाट्य संवाद मंे तथा लतिका ने लोकगीत एवं कार्तिक डबराल अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज रुड़की द्वारा लोककथा में सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति रही। कोरवी भाषा में राजकीय बालिका इंटर काूलेज गुलाब सा पीर की अलीशा, एंजेला, नईसा, शहजादी नाट्य संवाद में तथा आंचल राजकीय बालिका इंटर कॉलेज लंढोरा लोककथा में एवं प्रीति राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय दल्लावाला लोकगीत में सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुति रही। इस अवसर पर डॉ. अनीता नेगी, डॉ. अंजू मलिक, शिप्रा राजपूत, शशि चौहान, कविता, देवयानी, संदेश, प्रेरणा बहुगुणा, वैष्णव कुमार, एके सिंह, अनिल धीमान, राजीव आर्य, जान आलम, मुजीब अहमद, दिनेश प्रसाद, पवन, किरण, उमेश, राधा आदि मौजूद रहे।

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