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भ्रष्टाचार में लिप्त लोनिवि के अधिकारियों और ठेकेदारों की सांठगांठ की खुली पोल, बिना आदेश के गांधीनगर में विभाग ने डलवाई इंटरलॉकिंग टाइल्स सड़क, नियमों को ताक पर रखा

रुड़की। ( आयुष गुप्ता )
भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर अक्सर लोक निर्माण विभाग चर्चाओं में रहता है। वह इसलिए नहीं कि आम तौर पर निर्माण कार्यों में कमियां होती है, वह इसलिए, क्योंकि विभाग में तैनात कर्मचारी और रजिस्टर्ड ठेकेदार सांठगांठ के चलते भ्रष्टाचार की नींव को मजबूत करते हैं। इसी भ्रष्टाचार की एक बानगी आज शेखपुरी के निकट गांधीनगर की गली में पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा बिना बॉन्ड के गलत तरीके ( बिना किसी निविदा या वर्क ऑर्डर के) से डलवाई जा रही इंटरलॉकिंग टाइल्स सड़क में देखने को मिली। जहां ठेकेदार द्वारा सीसी सड़क के ऊपर मामूली नदी के रेत की परत डालकर इंटरलॉकिंग टाइलों को लगाया जा रहा है, जो पूर्णतः निर्माण कार्यों के नियमों को किसी भी एंगल से पूरा नहीं करता। जिससे साफ पता चलता है कि ठेकेदार और

पीडब्ल्यूडी के भ्रष्ट अधिकारी भ्रष्टाचार को कितना बढ़ावा दे रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि यह सड़क पहले तो सीसी सड़क पर डाली ही नहीं जा सकती, दूसरे यह सड़क विभाग के बांड में भी शामिल नहीं है और सांठगांठ के चलते इस गली में इंटरलॉकिंग टाइल्स को नियमों की खानापूर्ति कर डाला जा रहा है। गली के कुछ लोगों ने इंटरलॉकिंग टाइल्स सड़क के गलत निर्माण का विरोध जताया और कहा कि यह सड़क नियमानुसार नहीं बन रही है। जबकि कुछ लोगों ने इस सड़क को जल निकासी से निजात की बाबत ठीक बताया। गलीवासियों ने बताया कि नगर निगम द्वारा कुछ माह पहले ही इस सीसी सड़क को डलवाया गया था। अब सवाल यह उठता है कि आखिर लोनिवि के अधिकारियों ने कैसे बिना किसी आदेश के इस सड़क को डलवाया। इससे लोनिवि के भ्रष्ट अधिकारियों और ठेकेदारों की आपसी सांठगांठ साफ नजर आती है। उधर पीडब्ल्यूडी विभाग की ऐई रैना सैनी ने बताया कि उन्होंने निर्माण कार्य की जांच के लिए मौके पर जेई को भेजा है और काम को बंद कराने के आदेश दिए हैं। जब उनसे इस कार्य की जानकारी लेनी चाही, तो उन्होंने फोन काट दिया। जबकि मौके पर काम बदस्तूर जारी है और भ्रष्टाचार के खिलाफ जहां मुख्यमंत्री कड़े फैसले ले रहे हैं तो वहीं स्थानीय स्तर पर भाजपा के प्रतिनिधि भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने से नहीं चूक रहे हैं।

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