रुड़की।  ( आयुष गुप्ता ) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विभाग के संघ चालक रामेश्वर प्रसाद ने कहा कि जिस प्रकार आकाश, पृथ्वी, समुद्र, राम-रावण युद्ध आदि की किसी से तुलना नहीं की जा सकती, ठीक उसी प्रकार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अतुलनीय हैं। संघ विश्व विद्यालय हैं, लेकिन प्रमाण-पत्र नहीं देता। संगठन में शक्ति हैं और उसी से सभी कार्य सम्पन्न होते हैं। आनंद स्वरुप आर्य सरस्वती विद्या मंदिर रुड़की के प्राथमिक शिक्षा वर्ग दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य वक्ता बोलते हुए उन्होंने कहा कि भव्य इमारत के निर्माण के लिए जिस प्रकार मिट्टी के कणों को जुड़कर सांचे में ढलकर तपना पड़ता हैं, उसी प्रकार संघ की शाखा स्वयंसेवक को संस्कार रुपी ढांचे में ढालकर उसका सर्वांगीण विकास कर राष्ट्र निर्माण में लगाता हैं। हिन्दू आदिकाल से चला आ रहा हैं, इसे जोड़ने का सीमेंट संस्कृति हैं, इसी भारतीय संस्कृति के आधार पर हिन्दू राष्ट्र कहा जाता हैं। उन्होंने कहा कि विश्व के कल्याण के लिए सर्वे भवन्तु सुखिनः, वसुदेव कुटुम्बकम् प्राणियों में सद्ाभावना, धर्म की जय हो पर आधारित हैं। भारत ने एक आत्म मानवाद का दर्शन दिया हैं, जो व्यक्ति परिवार, समाज, राष्ट्र और इस अखिल ब्राह्मांड को जोड़ता हैं, यह समन्वय वादी हैं, एक दूसरे का पूरक हैं, शोषक नहीं।

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