रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) द इंस्टीटूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), रुड़की लोकल सेण्टर द्वारा आईआईटी रुड़की के जल संसाधन विकास एवं प्रबंधन विभाग में 55वां अभियंता दिवस समारोह मनाया गया। अभियंता दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए ‘द इंस्टीटूशन ऑफ इंजीनियर्स रुड़की लोकल सेण्टर’ के अध्यक्ष प्रो. आशीष पाण्डेय ने कहा कि वैश्विक जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम को देखते हुए अब हमें सस्टेनेबल डेवलपमेंट यानी स्थाई विकास को प्राथमिकता देनी होगी, तभी हम जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव को कम कर सकते हैं। इसके लिए इंजीनियर्स को भी बेहतर कल के निर्माण में आज से ही अपनी भूमिका का निर्वहन शुरू करना होगा, अन्यथा कल तक तो बहुत देर हो जाएगी। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आईआईटी रुड़की में सिविल अभियांत्रिकी विभाग के प्राध्यापक प्रो. सीएसपी ओझा ने ‘स्मार्ट इंजीनियरिंग पफॉर ए बेटर वर्ल्ड’ विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। प्रो. ओझा ने कहा कि जलवायु की बदली परिस्थितियों में हमारी इंजीनियरिंग भी स्वस्थ्य व स्वच्छ वातावरण के लिए होनी चाहिए, यह भी स्मार्ट इंजीनियरिंग का ही एक स्वरुप है। कार्यक्रम के प्रारम्भ में द इंस्टीटूशन ऑफ इंजीनियर्स की कार्यकारी सदस्य अनीता मित्तल ने भारत रत्न एम विश्वेसरैया के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अन्त में द इंस्टीटूशन ऑफ इंजीनियर्स रुड़की लोकल सेण्टर के मानद सचिव विनीत कुमार सैनी ने आभार ज्ञापन प्रस्तुत किया।

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