रुड़की।  ( आयुष गुप्ता ) इंजीनियरिंग विभाग, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की ने अपनी स्थापना के 175 वर्षों के उपलक्ष्य में ‘केमिकल इंजीनियरिंग सस्टेनेबल फ्यूचर की ओर परिवर्तन को सक्षम करने’ सम्बन्धी विषय पर तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय हाईब्रिड सम्मेलन का आयोजन की मेजबानी की। इस आयोजन का उद्घाटन बृहस्पतिवार को हुआ। डॉ. रामकुमार निदेशक (आर एंड डी), इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड उद्घाटन समारोह के दौरान मुख्य अतिथि रहे। मंच की शोभा प्रोफेसर अजीत के चतुर्वेदी, निदेशक, आईआईटी रुड़की, प्रोफेसर वी.सी. श्रीवास्तव, प्रमुख, केमिकल इंजीनियरिंग और प्रोफेसर दीपक ओझा, सम्मेलन के संयोजक द्वारा बढ़ाई गई। पूरे कार्यक्रम में केमिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसरों और छात्रों की उपस्थिति थी और अन्य प्रमुख वक्ता, जिनमें डॉ. एसएसवी रामकुमार, निदेशक आर एंड डी, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, प्रोफेसर निशीथ वर्मा, आईआईटी कानपुर, प्रोफेसर एस. पुष्पवनम, आईआईटी मद्रास, प्रोफेसर रजनीश कुमार, आईआईटी मद्रास आदि रहे। प्रोफेसर प्रवीण लिंगा, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर और प्रोफेसर शिशिर सिन्हा, महानिदेशक, सिपेट, सेट पर 10,2022, को आयोजित होने वाले समापन समारोह में शिरकत करेंगे। इसी के साथ प्रोफेसर चांग ग्युन की, इंहा विश्वविद्यालय, कोरिया गणराज्यय प्रोफेसर मीनेश आर. सिंह, इलिनोइस विश्वविद्यालय, शिकागो, और प्रोफेसर झेनयुआन यिन, सिंघुआ विश्वविद्यालय, चीन द्वारा वर्चुअल मोड में सम्मेलन में मुख्य भाषण दिया गया। इसके अतिरिक्त, संकाय सदस्यों, वैज्ञानिकों, उद्योगों और अन्य सरकारी एजेंसियों के व्यक्तियों, शोधार्थियों और छात्रों ने सम्मेलन में भाग लिया। सम्मेलन का विषय महत्वपूर्ण एजेंडो के इर्द-गिर्द घूमता है, जैसेः पर्यावरण के अनुकूल पृथक्करण और परिवहन प्रक्रियाएं, अगली पीढ़ी का कटैलिसीस (उत्प्रेरण) या हरित उत्प्रेरण, सतत् ऊर्जा चक्र और रासायनिक इंजीनियरिंग में अपशिष्ट द्वारा धन। सम्मेलन का उद्देश्य शिक्षा और उद्योगों में विभिन्न स्तरों पर काम करने वाले लोगों के बीच विचारों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान करना है। सम्मेलन को तीन दिवसीय समारोह सत्र में विभाजित किया गया है। पहले सत्र की सह-अध्यक्षता प्रोफेसर इंद्रनील साहा दलाल, आईआईटी कानपुर और प्रोफेसर ईशान बजाज, आईआईटी रुड़की ने की और उन्होंने वेस्ट टू वेल्थ विषय पर चर्चा की। दूसरे सत्र में नेक्स्ट-जेन कैटेलिसिस के बारे में बात की गई और इसकी सह-अध्यक्षता प्रोफेसर पी. मोहंती, आईआईटी रुड़की, और प्रोफेसर सयंती/शायन्ति चटर्जी, आईआईटी रुड़की ने की। इसी तरह, नौ अन्य सत्र भी थे, जिनकी अध्यक्षता विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों ने की थी, जो एक स्थायी भविष्य की दिशा में परिवर्तन की आवश्यकता पर चर्चा और संबोधित कर रहे थे। एक सतत भविष्य की ओर परिवर्तन के बारे में बोलते हुए, डॉ. रामकुमार, निदेशक, आईओसीएल, ने कहा कि ‘यह महत्वपूर्ण है कि रासायनिक इंजीनियर संसाधन उपयोग और प्रतिकूल पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से प्रक्रिया और उत्पाद डिजाइन में स्थिरता के विचारों को शामिल करें और यह सम्मेलन स्थायी भविष्य की दिशा में इस तरह के नवोन्मेषी बदलाव के लिए सही मंच है। आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजीत के चतुर्वेदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि हमारे 175वें वर्ष में केमिकल इंजीनियरिंग विभाग स्थिरता के विषय पर एक सम्मेलन का आयोजन कर रहा है, जो केमिकल इंजीनियरिंग के सभी अनुसंधान क्षेत्रों को एकीकृत कर सकता है और जो मानव सभ्यता के लिए महत्वपूर्ण।

By Admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share