रुड़की।  ( बबलू सैनी ) आनन्द स्वरूप आर्य सरस्वती विद्या मन्दिर रुड़की में विद्या भारती मानक परिषद उत्तराखण्ड द्वारा मूल्यांकन कर्ता उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन 30 अगस्त से 1 सितम्बर तक किया गया। इस कार्यशाला का उद्घाटन मानक परिषद के राष्ट्रीय संयोजक राकेश शर्मा, भारतीय शिक्षा समिति उत्तराखण्ड के प्रदेश निरीक्षक डॉ. विजय पाल सिंह एवं विद्यालय के प्रधानाचार्य अमरदीप सिंह द्वारा मॉ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर सत्र का शुभारंभ किया गया।
मानक परिषद के राष्ट्रीय संयोजक राकेश शर्मा ने कहा कि हम सब एक ध्येय के अनुरूप समाज में शिक्षा क्षेत्र में कार्य करते हुए आगे बढ़ रहे है। हमें नवीन तकनीकी का उपयोग कर अपने विद्यालयों की शैक्षिक गुणवत्ता को बढाने के लिए समय-समय पर अपने विद्यालयों का मूल्यांकन करना अवश्यक है। इस दृष्टि से यह कार्यशाला हम सब लोगांें के लिए लाभदायक होगी। डॉ. विजय पाल ने कहा कि हमें अपने विद्यालयों की कार्य संस्कृति को छात्र भावनाओं एवं समाज उपयोगी बनाने की आवश्यकता है। इसी लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु मानक परिषद द्वारा किए जाने वाले मूल्यांकन एवं उनके सुझावों पर गंभीरता पूर्वक विचार की आवश्यकता है। समापन सत्र में विद्या भारती उत्तराखण्ड के संगठन मंत्री भुवन ने कहा कि हमें अपने प्रांत के विद्यालयों का चयन कर उनकी समीक्षा करनी चाहिए। हर 6 महीने में प्रत्येक विद्यालय को अपनी सुधार रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी, जिससे विद्यालय मे अपेक्षित गुणात्मक सुधार हो सके। अपने विद्यालयों को अग्रणी पंक्ति में लाने के लिए तकनीकी, मूल्यपरक, समाजोपयोगी, रोजगारपरक तथा व्यावहारिक शिक्षा होनी चाहिए। जो समाज के लिए उपयोगी नही होता समाज उसे छोड देता है। मूल्यांकन के मुख्य बिन्दुओं का कार्यान्वयन अति आवश्यक है। कार्यक्रम में मानक परिषद के प्रान्त प्रमुख मनोज रयाल, सह-प्रदेश निरीक्षक जन शिक्षा समिति ईश्वरी दत्त, संभाग निरीक्षक गढ़वाल नत्थीलाल बंगवाल, संभाग निरीक्षक कुमाऊॅ सुरेशानन्द, संभाग निरीक्षक भगवती चमोला, भीमराज विष्ट, मगन राम तथा विद्यालय के प्रधानाचार्य अमरदीप सिंह सहित उत्तराखंड़ के सभी मूल्यांकन कर्ता मौजूद रहे।

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